ताजमहल-tajmahal
नवीनतम शोध, मध्यकालीन भारत

क्या ताजमहल सचमुच प्रेम का प्रतीक है और इसे शाहजहाँ ने बनबाया है?

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शेयर करेंअपने १४वे बच्चे को जन्म देते समय शाहजहाँ की दूसरी बीबी अर्जुमंद बानो बेगम उर्फ मुमताज जब अपनी अंतिम सांसे ले रही थी तब शाहजहाँ बुरहानपुर की एक १५ वर्षीय नामी नर्तकी के प्रेमजाल में फंसकर रासरंग में डूबा हुआ था और नहीं आया. जब आसिफ खान ने उस नर्तकी को मरवा दिया तब ही शाहजहाँ वहां से हिला और आने से पहले उसका कब्र बनबाकर आया जो अब भी विद्यमान है. शाहजहाँ की हजारों रखैलों मे दो अकबराबादी बेगम और कंधारी बेगम को शाही बेगम का दर्जा प्राप्त था.  बुरहानपुर में १६३१ में १४ वें बच्चे को जन्म…

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shershah-शेरशाह
मध्यकालीन भारत

बिहार का धर्मांध मुस्लिम डकैत शेरशाह सूरी

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शेयर करेंदो मुस्लिम इतिहासकार वाकयात ए मुश्वकी (पृष्ठ १०३) तथा तारीख ए दाऊदी (पृष्ठ २५३) लिखते हैं कि एक बार सारंगपुर तथा उज्जैन के बीच यात्रा में शेरशाह ने अपने साथ चलते हुए मल्लू खान को अपने जीवन की प्रारम्भिक घटनाएँ सुनाई थी. उसने बताया कि एक बार वह चोरों तथा लुटेरों के चक्कर में पड़कर उन्हीं के साथ हो लिया और चारों ओर गावों को लूटता रहा. डाकुओं के साथ इस प्रारम्भिक प्रशिक्षण ने उन सात वर्षों तक (१५३८-४५) शेरशाह को मनमानी लूट तथा बलात्कार के योग्य बना दिया. शेरशाह का वास्तविक नाम फरीद खां था. उसका अफगानी पिता…

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prithviraj-chauhan
ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

महापराक्रमी पृथ्वीराज चौहान की अक्षम्य गलतियाँ

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शेयर करेंपृथ्वीराज चौहान राजा सोमेश्वर और कलचुरी की राजकुमारी रानी कर्पुरदेवी के पुत्र थे. पृथ्वीराज विजय के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ माह के बारहवीं तिथि को हुआ था. वे बहुत सी भाषाओँ के जानकार थे. धनुर्विद्या में महारत हासिल कर रखा था. शब्दभेदी बाण के वे सिद्धहस्त थे. उन्होंने बचपन में शेर का जबड़ा अपने हाथों से फाड़ दिया था. जब उनके पिता राजा सोमेश्वर का देहांत विक्रमी संवत १२३४ में हुआ था उस समय पृथवीराज मात्र ग्यारह वर्ष के थे. अपनी माँ के संरक्षण में उन्होंने राजगद्दी सम्भाली. हालाँकि हम्मीर महाकाव्य दावा करता है कि राजा सोमेश्वर ने खुद…

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babar
मध्यकालीन भारत

मध्य एशिया का लूटेरा मुगल शैतान बाबर का इतिहास

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शेयर करेंइतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक लिखते हैं, “बाबर का पितृ पक्ष तैमूरलंग तथा मातृ पक्ष चंगेज खां से सम्बन्धित था जो संसार के दो क्रूरतम एवं सबसे अधिक लूट-खसोट करनेवाले थे, जिन्होंने अपने अन्यायों एवं अत्याचारों से सम्पूर्ण विश्व को थर्रा दिया था तथा सम्पूर्ण मानवता को पैरों तले कुचलकर रख दिया था. जिनके सामने उदारता और सहृदयता नाम की कोई चीज नहीं थी. विध्वंस जिनके जीवन का प्रमुख ध्येय था….बाबर को भी लोग नरभक्षी समझकर दहशत खाते थे तथा जहाँ कहीं भी वह जाया करता था लोग उसके डर से भाग जाया करते थे.” न्यायाधीश श्री जे. एम् शेलट…

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मध्यकालीन भारत

दिल्ली का अफगानी शैतान सिकंदर लोदी

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शेयर करेंवर्णसंकर शैतान सिकंदर लोदी दिल्ली का सुल्तान शैतान बहलोल लोदी का तीसरा पुत्र था. सरहिंद के हिन्दू सुनार की अपहृत कन्या जिबा के साथ बलात्कार से इसका जन्म हुआ था. इसने हिन्दू हत्याकांड में अपने पूर्वजों से दूना उत्साह दिखाया था. इसका हत्या उन्माद इतना भयंकर था कि इसके दल के इसके धर्म भाई नियामतुल्ला ने अपनी ‘तारीखे जहाँ लोदी’ में इसके हत्याकांड को बार बार एक कसाई का काम लिखा है-पुरुषोत्तम नागेश ओक अपनी पुस्तक “क्रिसेंट इन इंडिया” पृष्ठ १५४ पर श्री आर एस शर्मा लिखते हैं कि’ “फिरोजशाह तुगलक और औरंगजेब की भांति, कट्टरता सुल्तान सिकंदर लोदी…

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jashrath-khokhar
ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों का काल जशरथ खोक्खर

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शेयर करेंगक्खर (या खोक्खर) राजपूत भारत के इतिहास में अपनी वीरता और शूरता के लिए जाने जाते हैं. खासकर विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों के विरुद्ध लडाई में इन्होने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. इन्होने आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी को खत्म किया, कुतुबुद्दीन, इल्तुतमिश, बलबन और मोहम्मद बिन तुगलक जैसे नरपिशाचों को धूल चटाया. परन्तु लड़ते लड़ते ये धीरे धीरे कम और कमजोर होते गए और एक दिन ऐसा भी आया की विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों से अपनी प्रजा की जान माल और अस्मत की सुरक्षा केलिए इस्लाम का ढोल भी गले में बांधना पड़ गए. इन्ही लोगों में से एक थे शेख खोक्खर…

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Khusaru-khan
ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

राष्ट्रवादी धर्मान्तरित हिन्दू खुसरू खान उर्फ़ सुल्तान नासिरुद्दीन

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शेयर करेंशैतान अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु के दो दिन बाद अर्थात ४ जनवरी, १३१६ को ही उसका सबसे प्यारा और हमबिस्तर गुलाम मलिक काफ़ूर ने कुलीनों की सभा को अलादुद्दीन के सबसे प्यारे पुत्र खिज्र खां की मृत्यु की सूचना देकर पांच वर्षीय बाल-शाहजादे शहाबुद्दीन को सुल्तान घोषित कर दिया और संरक्षक होने के बहाने सारी शक्तियाँ अपने हाथों में ले लिया था. पर वह ज्यादा दिन अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सका और अन्य दरबारियों ने षड्यंत्र कर अलाउद्दीन खिलजी जैसा ही शैतान मलिक काफ़ूर का भी काम तमाम कर दिया. फिर जेल में बंद सौभाग्यशाली मुबारक शाह…

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मध्यकालीन भारत

भारत में मध्य एशिया का खूंखार शैतान अलाउद्दीन खिलजी

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शेयर करेंइतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक लिखते हैं, “भारतीय मुस्लिम शासक चाहे वह अकबर या औरंगजेब, अहमदशाह या अलाउद्दीन या कोई भी हो वह बलात्कार, अत्याचार, कपट और दुष्टता का साक्षात् अवतार था. सभी एक दुसरे से बढ़कर शैतान थे. इस सच्चाई को पहचानने केलिए सभी को साम्प्रदायिकता का चश्मा उतारकर उन्हें देखना, जांचना और परखना होगा.” अलाउद्दीन खिलजी उन्ही शैतानों में से एक अनपढ़ महाखूंखार शैतान था. खिलजी मध्य एशिया का तुर्की थे जो अफगानिस्तान में आकर रहने लगे थे. अलाउद्दीन जुलाई १२९६ ईस्वी में अपने चचा सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी की हत्या कर खुद सुल्तान बन गया था. मृत सुल्तान…

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balban
मध्यकालीन भारत

दिल्ली में मध्य एशिया का खूंखार शैतान गुलाम बलबन

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शेयर करेंबलबन का जीवन लड़ाई-झगड़े और दंगा-फसाद से भरा हुआ है. वह क्रूर मानव हत्यारा था. दिल्ली के आसपास बार-बार उठने वाली विरोध की आवाज को दबाने केलिए उसने एक लाख मानवों की हत्या की. प्रत्येक शहर में मरी-कटी लाशों का ढेर लग गया, जिसकी सड़ांध से सारे वातावरण में असहनीय दुर्गन्ध व्याप्त हो गई थी. (महाराष्ट्रिय ज्ञानकोष पृष्ठ जी-१९१, भाग-१२) बलबन तुर्किस्तान की अलबारी का खाकान था. बचपन में ही मुगल लुटेरों ने उसे पकड़ लिया. इन्ही मुगलों से उसने बलात्कार का पाठ पढ़ा, जिसका उपयोग उसने बाद में हिंदुस्तान में लूट, बलात्कार और हत्या का चक्र चलाकर किया.…

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Nasir-ud-din
मध्यकालीन भारत

वामपंथी इतिहासकारों के मुस्लिम प्रेम का भंडाफोड़

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शेयर करेंमध्य एशिया का खूबसूरत गुलाम इल्तुतमिश की मृत्यु के बाद उसकी बेटी रजिया अपने हुस्नोंजाल के बदौलत सत्ता हथियाने में कामयाब हो गयी थी पर जिन सरदारों पर उसके हुस्न की छांह नहीं पड़ी वे एक औरत को अपना सुल्तान मानने केलिए तैयार नहीं थे. आरम्भ में उसने अपने फौलादी अबिसिनियाई अस्तबल्ची गुलाम अम्लुद्दीन को प्यार के मोहपाश में बांधकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश की पर ज्यादा दिन सुरक्षित नहीं रह सकी. इसी बीच तबरहिन्द का सरदार अल्तुनिया ने रजिया के विरुद्ध विद्रोह कर दिया. इतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक लिखते हैं, “अप्रैल १९४० ईस्वी में रजिया उसका…

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