हमारा उद्देश्य
मैं भारत के सत्य इतिहास का अनुसन्धान और प्रकाशन केलिए इस वेबसाइट का निर्माण कर रहा हूँ. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को भारतवर्ष के सत्य और गौरवशाली इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराना है जिसे ब्रिटिश सरकार ने साम्राज्यवादी हितों केलिए जानबुझकर विकृत किया और नेहरूवादी, वामपंथी इतिहासकार जानबुझकर जो सच नहीं बताते हैं. अतः हमारा उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा विकृत तथा नेहरुवादी और वामपंथी इतिहासकारों के फर्जी और मनगढ़ंत इतिहास को तथ्यों और सबूतों के साथ जनता के सामने एक्सपोज कर सत्य इतिहास को सामने लाना है. हमारा उद्देश्य आधुनिक एतिहासिक, नृजातीय और वैज्ञानिक शोधों तथा नए एतिहासिक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर भारत के सत्य इतिहास का अनुसन्धान करना और इसे भारत के जन जन तक पहुँचाना है. इसलिए मैं अपने पाठकों से अपेक्षा करता हूँ कि वे भारत के गौरवशाली अतीत और भारत के सत्य इतिहास को जन जन तक पहुँचाने में सहभागी बनेंगे.
हम इस वेबसाइट पर निम्नलिखित टैब के अंतर्गत भारत का सत्य और शोधपरक इतिहास रख रहे हैं:
१.पौराणिक काल (Pre-historic World) – श्री कृष्ण के महापरिनिर्वाण तिथि १८ फरवरी ३१०२ ईस्वी पूर्व से पहले के महाभारतकालीन, रामायणकालीन और उसके पहले के पौराणिक विश्व के इतिहास
२.प्राचीन भारत (Ancient India) – श्री कृष्ण के महापरिनिर्वाण तिथि १८ फरवरी ३१०२ ईस्वी पूर्व से भारत पर ७१२ ईस्वी में मोहम्मद कासिम के भारत पर आक्रमण से पहले तक का इतिहास
३.मध्यकालीन भारत (Medieval India) – मोहम्मद कासिम के नेतृत्व में भारत पर बर्बर इस्लामिक आक्रमण से लेकर १७०७ ईस्वी में इस्लामिक आतंक का पर्याय औरंगजेब की मृत्यु तक
४.आधुनिक भारत (Modern India) – हिन्दुओं का उत्थान, मुग़ल सल्तनत का पतन, अंग्रेजों का आक्रमण, गुलाम भारत में भारत और भारतियों की बर्बादी से लेकर भारत की आजादी और कांग्रेस के नेतृत्व में सोनिया-मनमोहन सरकार तक
५.गौरवशाली भारत (Proud India)
६.एतिहासिक कहानियां (Historical Stories)
७.नवीनतम शोध (Latest Research)
१.पौराणिक काल में पुराणों में उपलब्ध सृष्टि निर्माण का वैज्ञानिक विशलेषण के साथ साथ उनमें विभिन्न कथाओं के रूप में वर्णित प्राकृतिक घटनाओं और एतिहासिक घटनाओं का तथ्यपरक विश्लेष्ण किया जायेगा तथा पौराणिक कहानियों का एतिहासिक विश्लेष्ण किया जायेगा. उदाहरण केलिए पुराणों में वर्णित “असुर लोक कहाँ हैं” इस बात का एतिहासिक शोध-पत्र दिया गया है जो एतिहासिक, नृजातीय और वैज्ञानिक सबूतों पर आधारित है.
२.प्राचीन भारत में बताया जायेगा की ब्रिटिश साम्राज्यवाद का षडयंत्र आर्यों (हिन्दुओं) के आक्रमण का सिद्धांत/ माईग्रेशन का सिद्धांत ६०-७० के दशक में ही फर्जी, मनगढ़ंत और भारतविरोधी षड्यंत्र कैसे साबित हुआ और इनके फर्जी साबित होने के बाबजूद कांग्रेस की सरकार और वामपंथी शिक्षा में इसे क्यों नहीं बदला गया? इसी प्रकार आर्य-द्रविड़ का सिद्धांत अंग्रेजों ने अपनी किस रणनीति के तहत आविष्कार किया था और ये अब कैसे फर्जी साबित हो गया है. इसी तरह गौरवशाली भारत के इतिहास को कलंकित क्यों किया गया और असली भारत का इतिहास क्या था? विभिन्न एतिहासिक ग्रन्थों से साबित करेंगे की आर्य विदेशों से भारत नहीं आये बल्कि भारत के मूलनिवासी आर्य (हिन्दू) भारत से विश्व के विभिन्न देशों में जाकर बसे थे. भारत तथा विश्व के दर्जनों एतिहासिक ग्रन्थों के आधार पर बतायेंगे की ईसायत और इस्लाम के पहले पुरे विश्व में वैदिक संस्कृति थी यानि हिन्दू संस्कृति थी आदि.
३.मध्यकालीन इतिहास में बतायेंगे हिन्दुओं, बौद्धों, जैनों और सिक्खों का कत्लेआम; हिन्दू, बौद्ध, जैन स्त्रियों का बलात्कार कर दो दो रुपये में भेड़ बकरियों की तरह बेचने वाले; हिन्दुओं, बौद्धों, जैनों के मन्दिरों और मूर्तियों को तोड़ने और लुटने वाले बर्बर इस्लामिक आक्रमणकारियों को नेहरु-इंदिरा गाँधी के ५ मुस्लिम शिक्षा मंत्रियों और वामपंथी इतिहासकारों ने मिलकर कैसे महान बनाया. उनका सत्य और शोधपरक इतिहास क्या है?
४.आधुनिक भारत में बतायेंगे कैसे स्वतंत्रता सग्राम के इतिहास को नेहरूवादी और वामपंथी इतिहासकारों ने नेहरु-गाँधी और कांग्रेस का इतिहास बना दिया. गाँधी और कांग्रेस ने आजादी दिलाई इस “सफेद झूठ” का पर्दाफाश कर भारत को आजादी दिलाने वाले सच्चे लोगों और कारकों को बतायेंगे. क्रांतिकारियों का इतिहास बताने के साथ साथ यह भी बतायेंगे की कांग्रेस ने किस प्रकार क्रांतिकारियों द्वारा लिखे क्रांतिकारियों के सत्य इतिहास को प्रतिबंधित कर फर्जी और मनमाना इतिहास लिखवाया. इसके अतिरिक्त सवर्ण दलित के मतभेद के पीछे नेहरूवादी वामपंथी षड्यंत्र, अनुसूचित जातियों के क्षत्रिय, ब्राह्मण और वैश्य जातियों के होने के सबूत के साथ साथ इस सत्य को भी बताया जायेगा अनुसूचित जातियों के शोषक, उत्पीडक और दरिद्र बनाने वाले ब्राह्मण और क्षत्रिय नहीं बल्कि अत्याचारी, दुराचारी, पापाचारी, लूटेरा मुस्लिम-अंग्रेज कुशासन था न की कोई छूआछूत और ब्राह्मण. दलित, छूआछूत वास्तविकता नहीं नेहरूवादी, वामपंथी दुष्प्रचार है. यहाँ तक की तथाकथित दलित, गरीब और अछूत डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर भी न दलित थे, न गरीब और न ही अछूत बल्कि वे पांडुपुत्र महाबली भीम के वंशज महार(थी) क्षत्रिय थे. उन्नीसवी शताब्दी तक महार(थी) जातियां खुद को गर्व से पांडवों के वंशज कहती थी और महाभारत के युद्ध में कौरवों के विरुद्ध पांडवों की ओर से युद्ध लड़ने का दावा करते थे आदि.
५.गौरवशाली भारत टैब के अंतर्गत भारत के गौरवशाली अतीत पर विश्व के महान इतिहासकारों और विद्वानों के विचार छोटे छोटे संदेश के रूप में प्रस्तुत किये जायेंगे जो सम्मिलित रूप में यह साबित कर देगा की ईसाईयत और इस्लाम के पूर्व पुरे एशिया, यूरोप और अफ्रीका में वैदिक भारतीय संस्कृति के लोग ही रहते थे.
६.एतिहासिक कहानियों में वीर बालक और बालिकाओं की एतिहासिक कहानियों के साथ साथ इतिहास के वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं की गौरवगाथाएं लिखी जाएगी जिसे नेहरूवादी वामपंथी इतिहासकार नहीं बताते हैं. इसी प्रकार भारत के गौरवशाली इतिहास को कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया जायेगा ताकि इतिहास मनोरंजक विषय बने और लोग अपने इतिहास से परिचित हों. यह और पौराणिक काल का खंड बच्चों और बच्चियों के लिए अधिकतम उपयोगी बनाने की कोशिश होगी ताकि वे कहानियों के रूप में भारत के इतिहास को समझ सकें. अतः आपलोगों से अनुरोध है की इस वेबसाइट से अपने बच्चों को अवश्य परिचित कराएँ तथा सबस्क्राईब कर अपनी जानकारी बढ़ाने के साथ साथ उनकी जानकारी भी दुरुस्त करें.
७.नवीनतम शोध के अंतर्गत नवीनतम एतिहासिक शोधों, शोधपत्रों, समाचारों आदि को रखा जायेगा और उनका विश्लेष्ण किया जायेगा.
हमारे उद्देश्य को और बेहतर ढंग से समझने केलिए हमारा घोषणापत्र अवश्य पढ़ें जो “परिचय” टैब के अंतर्गत “घोषणापत्र” में दिया गया है.
इसके अतिरिक्त इतिहास के विभिन्न शोधार्थियों और सत्य इतिहास के संशोधक इतिहासकारों को इस वेबसाइट के माध्यम से जोड़ा गया है. अतः आप सब से निवेदन है की आप इस वेबसाइट को सबस्क्राइब करें ताकि भारत का सत्य और शोधपरक इतिहास आपको प्राप्त होता रहे. अपने परिवार, बच्चों और मित्रों को भी यह संदेश अग्रसारित कर उन्हें भी इस वेबसाइट को सबस्क्राइब करने केलिए प्रेरित करें.
अगर कोई बन्धु, मित्र, सम्मानित अग्रज और अनुज एतिहासिक लेख और/या एतिहासिक/पौराणिक कहानियां लिखते हैं तो वे truehistoryofindia@yahoo.com पर इमेल कर सकते हैं. तथ्यपरक और मौलिक एतिहासिक कहानियों को प्रकाशित किया जायेगा. यदि कोई सम्मानित जन इतिहास के शोधार्थी हैं और वे हमारे truehistoryofindia.in टीम से जुड़ना चाहते हैं तो वे हमसे उपर्युक्त इमेल पर सम्पर्क कर सकते हैं.
भवदीय
truehistoryofindia.in टीम के सदस्यगण