ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

दुश्मनों का काल रघुवंशी राजा मिहिर भोज प्रतिहार

mihir-bhoj
शेयर करें

सम्राट महिर भोज प्रतिहार

वीरों और योद्धाओं की जाति गुर्जर प्रतिहार रघुवंश शिरोमणि श्रीराम के अनुज लक्ष्मण के वंशज हैं. इस वंश में एक से एक महाभट योद्धा और पराक्रमी शासक हुए जिसकी जितनी चर्चा और प्रशंसा की जाये कम है. इसी गौरवशाली वंश में सम्राट मिहिर भोज का जन्म हुआ था. उन्होंने ८३६ ईस्वी से ८८५ ईस्वी तक कभी कन्नौज तो कभी उज्जैन से शासन किया. भले ही वामपंथी इतिहासकारों ने मिहिर भोज के इतिहास को काट देने की साजिश की है, मिहिर भोज क्या उन सभी महान भारतीय सम्राटों और योद्धाओं को भारतीय इतिहास से गायब कर दिया है जिन्होंने अरबी, तुर्की मुस्लिम आक्रमणकारियों को धूल चटाया और उन्हें अरब तक या भारतवर्ष की सीमा से बाहर खदेड़ दिया, लेकिन स्कंद पुराण के प्रभास खंड में सम्राट मिहिर भोज की वीरता, शौर्य और पराक्रम के बारे में विस्तार से वर्णन है.

मिहिर भोज बचपन से ही वीर बहादुर माने जाते थे. उनका जन्म विक्रम संवत 873 को हुआ था. सम्राट मिहिर भोज की पत्नी का नाम चंद्रभट्टारिका देवी था जो भाटी राजपूत वंश की थी. मिहिर भोज की वीरता के किस्से पूरी दुनिया मे मशहूर हुए. कश्मीर के राज्य कवि कल्हण ने अपनी पुस्तक राज तरंगिणी में सम्राट मिहिर भोज का उल्लेख किया है.

राष्ट्र और धर्म की रक्षा केलिए पूर्ण समर्पित

mihir-bhoj
सम्राट मिहिर भोज

प्रारम्भ से लेकर अंत तक उनका जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा. उन्होंने अपना जीवन अश्व के पीठ पर रण में ही बिताया. अरबी, तुर्की मुसलमानो ने अपने इतिहास में उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन कहा है. मिहिर भोज के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने मुसलमानो को केवल 5 गुफाओं (क्षेत्रों) तक सीमित कर दिया था. यह वही समय था, जिस समय मुसलमान किसी युद्ध मे केवल जीत हासिल करते थे और वहां की प्रजा को मुसलमान बना देते थे पर भारत के इस वीर क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज के नाम से अरबी, तुर्की आक्रान्ताओं के दिल दहल जाते थे.

उन्होंने करीब नौ लाख की केन्द्रीय अश्वारोही सेना गठित की. सामंतों का दमन कर उन्हें उनका मूल कर्तव्य याद दिलाया और अपने पूर्वज नागभट्ट प्रथम व द्वितीय की आक्रामक नीति को और भीषण रूप से लागू कर उन्होंने सिंध पर आक्रमण किया और मुस्लिम आक्रमणकारियों का भयानक संहार किया. परंतु स्थानीय हिंदू आबादी के नरसंहार की धमकी और मुल्तान के मंदिर और पुजारियों के कत्ल की भावनात्मक कपटजाल के कारण अरबों को कर देने की शर्त पर जीवन दान दे दिया.

उन्होंने हिंदू मानकों के अनुरूप ऐसा सुसंगठित प्रशासन स्थापित किया कि उनके राज में चोरी डकैती और अपराध नहीं होते थे. संपन्नता इतनी ज्यादा थी कि आम नागरिक भी दैनिक जीवन में खर्च के लिये चांदी और सोने की मुद्रायें प्रयोग करते थे.

महान प्रशासक और कूटनीतिज्ञ

teli-ka-mandir
तेली का मन्दिर, ग्वालियर

अरब यात्री सुलेमान ने अपनी पुस्तक सिलसिला-उत-तारिका में लिखा है कि सम्राट मिहिर भोज के पास उंटों, घोड़ों और हाथियों की बड़ी विशाल और सर्वश्रेष्ठ सेना है.  उनके राज्य में व्यापार सोने और चांदी के सिक्कों से होता है.  इनके राज्य में चोरों डाकुओं का भय नहीं होता था.

मिहिर भोज के राज्य की सीमाएं उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कर्नाटक, आंध्रप्रदेश की सीमा तक, पूर्व में असम, उत्तरी बंगाल से लेकर पश्चिम में काबुल तक विस्तृत थी.  915 ईस्वी में भारत भ्रमण पर आये बगदाद के इतिहासकार अल मसूदी ने भी अपनी किताब मिराजुल-जहाब में लिखा कि सम्राट मिहिर भोज के पास महाशक्तिशाली, महापराक्रमी सेना है. इस सेना की संख्या चारों दिशाओं में लाखो में बताई गई है.

ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार मिहिर भोज की एक सेना कनकपाल परमार के नेतृत्व में गढ़वाल नेपाल के राघवदेव की तिब्बत के आक्रमणों से रक्षा करती थी.  इसी प्रकार एक सेना अल्कान देव के नेतृत्व में पंजाब के गुर्जराज नगर के समीप नियुक्त थी जो काबुल के ललियाशाही राजाओं को तुर्किस्तान की तरफ से होने वाले आक्रमणों से रक्षा करती थी.  इसकी पश्चिम की सेना मुलतान के मुसलमान शासक पर नियंत्रण करती थी. परंतु मिहिर भोज का वह वास्तविक कार्य अभी भी शेष था जिसे मुस्लिम और वामपंथी इतिहासकार छिपाते आये हैं.

जबरन धर्मान्तरित हिन्दुओं का पुनरोद्धार

chaturbhuj-temple-orchha
चतुर्भुज मन्दिर, ओरछा

मिहिर भोज का ध्यान उस समस्या पर गया जिसके हल के बारे में उनकी सोच अपने समय से 1000 वर्ष आगे की थी. यह समस्या थी भारत में अरबों के अभियान के फलस्वरूप बलात धर्मांतरित हुए हिन्दुओं की बडी संख्या. अपने ही बंधुओं से तिरस्कृत ये नवमुसलमान अपने ही देश में विदेशी अरब बनते जा रहे थे और अरबी, तुर्की आक्रमण में मुस्लिम आक्रांताओं का साथ देने के लिये विवश थे. इस्लाम के फैलाव की इस प्रवृत्ति से पूर्णपरिचित मिहिर भोज ने इसका कठोर स्थाई हल निकाला उनकी दृढ़ता के आगे ब्राह्मणों की कट्टरता इसबार आवाज नहीं उठा सकी जैसा की पहले हुआ था. उन्होंने जबरन धर्मांतरित हिंदुओं को पुनः हिन्दू धर्म में वापसी का विकल्प दिया.

अधिकांश धर्मान्तरित हिन्दुओं ने स्वेच्छा से ही “चंद्रायण व्रत” द्वारा प्रायश्चित्त कर वापस हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया, यहाँ तक कि बलत्कृत और अपह्रत स्त्रियों को भी चंद्रायण व्रत द्वारा पूर्ण पवित्र घोषित कर उनका सम्मान लौटाया गया. उनके इस सफल प्रयास से भारत अगले 150 वर्षों तक “बाहरी और भीतरी” इस्लामी आक्रमण से मुक्त रहा. दुर्भाग्य से परवर्ती हिन्दू राजाओं ने इनके इस कुशल नीति का अनुसरण नहीं किया जिसके कारण भारत का इस्लामीकरण होता चला गया.

भगवान विष्णु और महादेव के अनन्य भक्त

bateshwar-temple-chambal
बटेश्वर मन्दिर, चम्बल

सम्राट मिहिर भोज भगवान विष्णु और महादेव के परमभक्त थे. उन्होंने आदि वराह की उपाधि धारण की थी. वह उज्जैन में स्थापित भगवान महाकाल के भी अनन्य भक्त थे. उनकी सेना जय महादेव, जय विष्णु, जय महाकाल की ललकार के साथ रणक्षेत्र में दुश्मन का खात्मा कर देती थी.  उन्होंने कई भवन और मन्दिर का निर्माण करवाया था. राजधानी कन्नौज में 7 किले और दस हजार मंदिर थे. उनके द्वारा बनाये गये मन्दिर आज भी मौजूद है जैसे ओरछा का चतुर्भुज मन्दिर, ग्वालियर का तेली का मन्दिर, गुजरात के त्रिनेत्रेश्वर मन्दिर, चम्बल का बटेश्वर मंदिर आदि.

trinetreshwar-temple
त्रिनेत्रेश्वर मन्दिर, गुजरात

मिहिर भोज के समय अरब के हमलावरों ने भारत में अपनी शक्ति बढ़ाने की कई नाकाम कोशिश की. लेकिन वह विफल रहे. साहस, शौर्य, पराक्रम वीरता और संस्कृति के रक्षक सम्राट मिहिर भोज जीवन के अंतिम वर्षों में अपने बेटे महेंद्रपाल को राज सिंहासन सौंपकर सन्यास ले लिया था. मिहिर भोज का स्वर्गवास 888 ईस्वी को 72 वर्ष की आयु में हुआ था.  भारत के इतिहास में मिहिर भोज का नाम सनातन धर्म और राष्ट्र रक्षक के रूप में दर्ज है.

प्रमुख स्त्रोत:

  1. श्रेण्य युग-आर . सी. मजूमदार
  2. प्राचीन भारत का राजनैतिक और सांस्कृतिक इतिहास-डॉ. विमलचंद्र पांडे
  3. प्रतिहारों का मूल इतिहास लेखक-देवी सिंह मंडावा
  4. विंध्य क्षेत्र के प्रतिहार वंश का इतिहास लेखक-डा अनुपम सिंह
  5. ग्वालियर अभिलेख आदि
Tagged , , , ,

78 thoughts on “दुश्मनों का काल रघुवंशी राजा मिहिर भोज प्रतिहार

  1. Hey outstanding website! Does running a blog such as
    this require a large amount of work? I have virtually no expertise in programming however I was
    hoping to start my own blog soon. Anyway, should you have any suggestions or techniques for
    new blog owners please share. I understand this is off subject but I just had to ask.
    Thanks a lot!

  2. Do you have a spam issue on this blog; I also am a blogger,
    and I was wondering your situation; we have created some nice practices and we are looking to trade techniques with others, why not shoot me an email if
    interested.

  3. My brother suggested I might like this website.

    He used to be entirely right. This put up
    actually made my day. You can not believe just
    how a lot time I had spent for this information! Thank you!

  4. Superb post however I was wondering if you could write a
    litte more on this topic? I’d be very grateful if you could elaborate a little bit further.
    Cheers!

  5. Very nice post. I just stumbled upon your blog
    and wished to say that I’ve really enjoyed browsing your blog posts.
    After all I’ll be subscribing to your feed and I
    hope you write again soon!

  6. Hello there! Do you know if they make any plugins to help with Search Engine Optimization? I’m trying to get my blog
    to rank for some targeted keywords but I’m not
    seeing very good results. If you know of any please share.
    Kudos!

  7. I’d like to thank you for the efforts you have put in penning this website.
    I am hoping to view the same high-grade blog posts by you in the future as well.
    In truth, your creative writing abilities has inspired me to get my
    own site now 😉

  8. I loved as much as you will receive carried out right here.
    The sketch is tasteful, your authored material stylish.
    nonetheless, you command get bought an nervousness over that you wish be delivering the following.

    unwell unquestionably come more formerly again since exactly the same nearly very often inside case you shield this
    hike.

  9. Hi! Quick question that’s totally off topic. Do you know how
    to make your site mobile friendly? My website looks weird
    when viewing from my iphone 4. I’m trying to find a template or
    plugin that might be able to resolve this problem.

    If you have any recommendations, please share.
    Cheers!

  10. I’ve been exploring for a little for any high-quality articles or blog posts on this
    kind of house . Exploring in Yahoo I ultimately stumbled upon this website.
    Studying this information So i am glad to express that
    I have an incredibly excellent uncanny feeling I came upon just what I needed.
    I such a lot surely will make sure to do not overlook this site
    and provides it a look on a continuing basis.

  11. Thanks for the marvelous posting! I seriously enjoyed reading it, you happen to be a great author.I will be
    sure to bookmark your blog and may come back from now on. I want to encourage that you
    continue your great writing, have a nice day!

  12. Wow, marvelous weblog layout! How lengthy have you ever
    been running a blog for? you made blogging look easy.

    The whole glance of your site is great, as well as the content material!

  13. Howdy! I realize this is somewhat off-topic but I needed to ask.
    Does operating a well-established blog such as yours take a lot of work?
    I’m brand new to writing a blog however I do write in my diary daily.

    I’d like to start a blog so I can easily share my own experience and views online.
    Please let me know if you have any kind of recommendations or tips
    for new aspiring blog owners. Thankyou!

  14. Fantastic beat ! I would like to apprentice while you amend your site, how
    can i subscribe for a blog website? The account
    helped me a acceptable deal. I had been a little bit acquainted
    of this your broadcast offered bright clear concept

  15. Hi there, just became aware of your blog through Google, and found that it
    is really informative. I am going to watch out for brussels.
    I’ll be grateful if you continue this in future. Lots of people will
    be benefited from your writing. Cheers!

  16. Howdy! Quick question that’s completely off topic. Do you know how to make your site mobile friendly?
    My weblog looks weird when viewing from my iphone.
    I’m trying to find a theme or plugin that might be able to resolve this issue.

    If you have any recommendations, please share.
    With thanks!

  17. I’m really enjoying the design and layout of your website. It’s a
    very easy on the eyes which makes it much more enjoyable for me to come here and visit more often. Did you
    hire out a developer to create your theme? Fantastic work!

  18. Excellent pieces. Keep writing such kind of information on your page.
    Im really impressed by your blog.
    Hi there, You’ve done an excellent job. I’ll certainly
    digg it and individually suggest to my friends. I am confident they’ll be
    benefited from this web site.

  19. I don’t even know how I ended up here, but I thought this post was great.

    I don’t know who you are but definitely you are going to
    a famous blogger if you are not already 😉 Cheers!

  20. Great goods from you, man. I have take note your stuff previous
    to and you’re just extremely wonderful. I actually like what
    you have bought here, certainly like what you’re stating and the way in which you say it.
    You make it enjoyable and you continue to care for to keep it smart.
    I can not wait to learn far more from you. This is really a great
    website.

  21. First off I would like to say fantastic blog!
    I had a quick question in which I’d like to ask if you don’t mind.

    I was interested to know how you center yourself and clear
    your thoughts prior to writing. I have had a tough time clearing my thoughts in getting my ideas out.

    I do enjoy writing but it just seems like the first 10 to 15 minutes are usually wasted just
    trying to figure out how to begin. Any recommendations or hints?
    Appreciate it!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *