वैदिक स्थापत्य कला विश्व में स्थापत्यकला के दर्जनों प्राचीन ग्रन्थ हैं और वे ग्रन्थ सिर्फ संस्कृत में हैं, इसलिए वे वैदिक सभ्यता के धरोहर है. वैदिक स्थापत्य यानि वास्तुकला और नगर-रचना की पूरी विधि मूल तत्व आदि विवरण जिन संस्कृत ग्रंथों में मिलता है उन्हें अगम साहित्य कहा जाता है. ये ग्रन्थ बहुत प्राचीन हैं. मानसार शिल्पशास्त्र के रचयिता महर्षि मानसार के अनुसार ब्रह्मा जी ने नगर-निर्माण और भवन-रचना विद्याओं में चार विद्वानों को प्रशिक्षण दिया. उनके नाम हैं-विश्वकर्मा, मय, तवस्तर और मनु. शिल्पज्ञान (Engineering) की सबसे प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ है भृगु शिल्पसन्हिता. किले, महल, स्तम्भ, भवन, प्रासाद, पूल, मन्दिर,…
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काबा शिव मन्दिर था और मुहम्मद का परिवार वहां के पुजारी
प्राचीन काबा अरब प्राचीनकाल से शिव भक्ति का केंद्र रहा है क्योंकि पौराणिक काल से अरब-अफ्रीका असुरों और दानवों का निवास स्थान (असुर लोक) रहा है. बाद में वे Cushites (कुश के प्रजाजन), Semetic (कृष्ण भक्त) भी बने और भारत के सम्राट विक्रमादित्य और शालिवाहन के समय अर्बस्थान भारत के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में था. फिर मौर्य सम्राट अशोक के काल में वहां बौद्ध धर्म भी फला फूला और विकसित हुआ. अतः इस्लाम के पहले अरब के लोग भी हिन्दू ही थे जिन्हें आधुनिक इतिहास में पैगन (मूर्तिपूजक) कहा जाता है और इसलिए मक्का प्रसिद्ध तीर्थस्थल था जहाँ काबा मन्दिर था…
इस्लामपूर्व अर्बस्थान का हिन्दू इतिहास
मक्का का पुराना तस्वीर यह ख़ुशी की बात है कि अंग्रेजों और वामपंथियों का हिन्दू विरोधी षड्यंत्र की हम हिन्दू विदेशी और अपने ही देश भारतवर्ष पर आक्रमणकारी है अब झूठ और मनगढ़ंत साबित हो चूका है. अब इतिहासकार मानने लगे हैं कि हिन्दू विदेशों से भारत नहीं आये बल्कि विश्वगुरु भारत के गौरवशाली हिन्दू भारत से निकलकर पुरे विश्व में वैदिक संस्कृति, सभ्यता, धर्म, शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान और व्यापार का प्रसार किये थे.आधुनिक इतिहास शोधों से अब स्पष्ट हो गया है कि लगभग पुरे एशिया पर इस्लाम पूर्व काल तक हिन्दुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शासन था. अरब में…