पाकिस्तान बनाने वाले देशद्रोही मुस्लिमों का कांग्रेस में शामिल हो जाना और सत्ता पर कांग्रेस की पकड़: देश में सांप्रदायिक सौहार्द, एकता और अखंडता को वास्तविक खतरा छद्म धर्मनिरपेक्षवादियों से है. मुस्लिम लीग के जिन नेताओं ने बंटवारे का समर्थन किया वे विभाजन के बाद पाकिस्तान नही गए. वे रातोरात कांग्रेस में शामिल हो गए. पार्टी बदलने से उनकी मानसिकता नही बदली. वही विभाजनकारी मानसिकता सेकुलरवाद के नाम पर पोषित हो रही है. धूर्त मियां जवाहरलाल के समय से ही एसी मानसिकता बना दी गयी है कि मुस्लिमों के बुरे से बुरे कार्यों का यदि विरोध किया जाता है तो…
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हिन्दुस्थान में हिंदुओं की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कौन भाग-1
क्या इस बात से असहमत हुआ जा सकता है की १९४७ में धर्म पर आधारित भारत विभाजन पश्चात यदि सभी हिंदू, बौद्ध, सिक्ख, जैन हिन्दुस्थान में आ जाते और सभी मुस्लिम पाकिस्तान और बंगलादेश चले जाते तो आज हम भारतीय इस्लामी आतंकवाद, अलगाववाद, कट्टरवाद, बम ब्लास्ट, सांप्रदायिक दंगे, छद्मधर्मनिरपेक्षवाद, घृणित वोट बैंक की राजनीती, जनसंख्या विस्फोट, बेरोजगारी, गरीबी आदि से इस कदर पीड़ित नही होते? यदि बंटवारे के समय हिंदुओं (हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख, जैन) का पाकिस्तान और बंगलादेश से स्थानांतरण हिन्दुस्थान में हो जाता तो वे जो बंटवारे के समय पाकिस्तान बांग्लादेश में करोड़ों में थे आज महज कुछ हजारों और…
ताजमहल, कुतुबमीनार में देवमूर्तियाँ निकलने लगी तो नेहरु, इंदिरा ने क्या किया?
महान राष्ट्रवादी इतिहासकार स्वर्गीय पुरुषोत्तम नागेश ओक लिखते हैं कि, “ताजमहल, कुतुबमीनार या फतेहपुर सीकरी या सुल्तान गढ़ी आदि स्थलों से देवमूर्ति या संस्कृत शिलालेख जो प्राप्त होते रहे हैं उन्हें गुल और गुम करके उनकी प्राप्ति के सम्बन्ध में पूरी गुप्तता बरती जाती है. जब कुतुबमीनार परिसर से देवमुर्तिया निकाली जाने लगी तब पुरातत्व विभाग ने कुतुबमीनार के इर्दगिर्द ऊँची कनात खड़ी कर चोरी छिपे उत्खनन किया ताकि वह हिन्दू स्थल होने की बात किसी को ज्ञात न हो.” ताजमहल, कुतुबमीनार, फतेहपुर सीकरी, सुल्तान गढ़ी, हुमायूँ का मकबरा, निजामुद्दीन की दरगाह आदि सारी ऐतिहासिक इमारतें इस्लाम पूर्व हिन्दू क्षत्रिय…
दलित मुस्लिम भाई भाई: दलितों के विरुद्ध एक खतरनाक षडयंत्र
जब मुस्लिम मुस्लिम भाई भाई नहीं हो सकते, वे उंच-नीच और सच्चा झूठा मुसलमान के नाम पर एक दूसरे का कत्लेआम कर रहे हैं तो दलित मुस्लिम भाई भाई, हिन्दू मुस्लिम भाई भाई कैसे हो सकते हैं जबकि कुरान में तीन तीन जगह मुसलमानों को गैरमुस्लिमों को दोस्त बनाने से मना किया गया है? वे कुरान और हदीस को मानेंगे या भाईचारे को? दलित मुस्लिम भाईचारे के विषय पर हर दलित भाई बहनों को बाबा साहेब आंबेडकर के विचार जरुर जानना चाहिए। दलित मुस्लिम भाई भाई का नारा नया नहीं है। भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान मुस्लिम लीग…
ब्रेस्ट टैक्स: एक फर्जी वामपंथी कथा
महान राष्ट्रवादी इतिहासकार स्वर्गीय पुरुषोत्तम नागेश ओक लिखते हैं कि यूरोपियन जब ईसाई बने तो अपने सभी प्राचीन ऐतिहासिक ग्रंथों को आग लगा दिया और अपने पूर्वजों द्वारा निर्मित पुरातात्विक साक्ष्यों को भी नष्ट कर दिया। उन्होंने अपने पूर्वजों के इतिहास को अंधकार युग कहकर नकार दिया। पीटर, पॉल जैसे कनवर्टेड यूरोपियन ईसाई बनकर प्रत्येक रविवार को प्रार्थना करने के बाद अपने अनुयायियों के साथ हथौड़ा लेकर अपने पूर्वजों के मंदिरों, देवी, देवताओं को तोड़ने और उनके एतिहासिक, वैज्ञानिक और धार्मिक ग्रंथों को जलाने केलिए निकलते थे। ऐसा शताब्दियों तक चला और उन्होंने वाटिका (अब वेटिकन) मंदिर और उसके ग्रंथालय…
छद्म धर्मनिरपेक्षवाद आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है भाग-2
छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनेता, कम्युनिष्ट बुद्धिजीवी और दोगली मीडिया आजकल चिल्ला रहे हैं कि देश में असहिष्णुता बढ़ी है और यह असहिष्णुता भाजपा और मोदी सरकार के आने से बढ़ी है। मेरा मानना है यह असहिष्णुता में वृद्धि नहीं वरन यह दोगली धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध हिंदुओं में असंतोष की वृद्धि है और इस असंतोष में वृद्धि का कारण वर्षों से सेकुलरिज्म के नाम पर ईसाई-मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदुओं का राजनितिक अवहेलना और शोषण, भारत के गौरवशाली सभ्यता, संस्कृति और धर्म का अपमान, राष्ट्र और धर्म की सुरक्षा से खिलवाड तथा तुष्टिकरण केलिए देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा से समझौता आदि…
छद्म धर्मनिरपेक्षवाद आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है भाग-1
हमारे देश को जिहादी, आतंकी मानसिकता से ज्यादा खतरा छद्म धर्मनिरपेक्षवाद से है। छद्मधर्मनिरपेक्षवादी पाकिस्तान, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों और स्लीपर सेल से भी ज्यादा खतरनाक है। एक उदहारण द्वारा समझते हैं। मान लीजिए एक मुस्लिम आतंकी हमला करता है या एक मुस्लिम आत्मघाती बम हमला करता है तो वह कितने हिन्दुओं, बौद्धों, सिक्खों या जैनों की हत्या करेगा? दस, बीस, पचास या सौ? परन्तु एक छद्म सेकुलर वामपंथी के बारे में सोचिए जो हमारे बीच रहकर, हमारे जैसा दिखकर, हमारे जैसा बनकर हमारे सनातन धर्म, हमारा हिन्दुस्थान और हम हिन्दुओं के विरुद्ध काम करता है। मुस्लिम आत्मघाती बम तो दुसरे…
कश्मीर में आधुनिक आतंकवाद के जनक शेख अब्दुल्ला
नव धर्मान्तरित ज्यादा खतरनाक होते हैं भाग-5: कश्मीर में आधुनिक आतंकवाद के जनक शेख अब्दुल्ला (कारण, नव धर्मान्तरित को साबित करना होता है कि 1. जिस नाले में उसने डुबकी लगाई है वह पवित्र गंगाजल से बेहतर है और 2. उसे नाले में रहने केलिए अनुकूलित होना पड़ता है।) आतिश-ए- चिनार में शेख अब्दुल्ला ने लिखा है कि उनके पूर्वज कश्मीरी पंडित थे। उनके परदादा का नाम बालमुकुंद कौल था। उनके पूर्वज मूल रूप से सप्रू गोत्र के कश्मीरी ब्राह्मण थे। किताब के मुताबिक अफगान शासनकाल में 1766 ईस्वी में उनके पूर्वज रघुराम ने एक सूफी के हाथों इस्लाम कबूल…
शैतान शायर मोहम्मद इकबाल
नव धर्मान्तरित ज्यादा खतरनाक होते हैं भाग-4: शैतान शायर मोहम्मद इक़बाल (कारण, नव धर्मान्तरित को साबित करना होता है कि 1. जिस नाले में उसने डुबकी लगाई है वह पवित्र गंगाजल से बेहतर है और 2. उसे नाले में रहने केलिए अनुकूलित होना पड़ता है।) मोहम्मद इकबाल का जन्म 9 नवंबर 1877 को अविभाजित भारत में पंजाब के सियालकोट में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। इकबाल के दादा सहज सप्रू हिंदू कश्मीरी पंडित थे जो बाद में सियालकोट आ गए। इनके पिता हिंदू थे जिनका नाम रतन लाल था, जिन्होंने बाद में इस्लाम धर्म कबूल कर लिया।…
नव धर्मान्तरित मोहम्मद अली जिन्ना
नव धर्मान्तरित ज्यादा खतरनाक होते हैं भाग-3: मोहम्मद अली जिन्ना (कारण, नव धर्मान्तरित को साबित करना होता है कि 1. जिस नाले में उसने डुबकी लगाई है वह पवित्र गंगाजल से बेहतर है और 2. उसे नाले में रहने केलिए अनुकूलित होना पड़ता है।) बेशक पाकिस्तान का जन्म धर्म के आधार पर हुआ और उसके संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना था पर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के पिता हिंदू परिवार में पैदा हुए थे। एक नाराजगी के चलते उन्होंने अपना धर्म बदल लिया। वो मुस्लिम बन गए। ताजिंदगी न केवल इसी धर्म के साथ रहे बल्कि उनके बच्चों…