सूर्य और परिमल राजा दाहिर सेन की बहादुर पुत्रियाँ थी जिसने शैतान कासिम और हज्जाज का बहादुरी और चतुराई से अंत कर वीरगति को प्राप्त हुई सिंध के परमप्रतापी ब्राह्मणवंशी राजा चाच की मृत्यु के बाद 679 ईसवी में दाहिर सेन राजा बने. राजा चाच की तरह राजा दाहिर बहुत वीर और कुशल सेनानी थे. उन्होंने भी मुस्लिम आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए थे. बात उस समय की है जब बगदाद की गद्दी पर खलीफा का गवर्नर सबसे क्रूर नरपिशाच हज्जाज बिन यूसुफ बैठा था. एकबार खलीफा और हज्जाज अपनी कामुक लिप्सा केलिए लंका से सुंदर औरतें जहाज से मंगवा…
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महाप्रतापी राजा चाच और उनके पुत्र राजा दाहिर ने मुस्लिम आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए थे
वीरता की प्रतिमूर्ति सिंध के राजा दाहिर सेन अरब में इस्लाम का उदय मक्का के काबा मन्दिर के पुजारी के घर मोहम्मद पैगम्बर का जन्म हुआ जिन्होंने सातवीं सदी के प्रारम्भ में इस्लाम मजहब की शुरुआत की. इस्लाम के उदय के साथ ही अर्बस्थान के यहूदियों, ईसाईयों, बौद्धिष्टों, हिन्दुओं आदि को तलवार के दम पर मुसलमान बना दिया गया. सन 634 ईस्वी से लेकर 651 के बिच पारसियों को, सन 640 से 655 ईसवी के बिच इजिप्ट के कुशाईट और ईसाई सहित लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए. नार्थ अफ्रीकन देश जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को, उतरी सूडान आदि देशों…