इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना सन १९८५ में अंग्रेजों ने की थी ताकि भारतीय लोगों को १८५७ की तरह क्रन्तिकारी और हिंसक विद्रोह करने से रोका जा सके. कांग्रेस के संस्थापक ए.ओ.ह्यूम को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 17 जून 1857 को उत्तर प्रदेश के इटावा मे जंगे आजादी के सिपाहियों से जान बचाने के लिये मुंह में कालिख लगा, साड़ी पहन और बुर्का डालकर ग्रामीण महिला का वेष धारण कर भागना पड़ा था. उस समय वे इटावा के मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर थे. तब से वे ऐसी क्रांति की पुनरावृत्ति होने के डर से अत्यधिक भयभीत रहते थे. (सावरकर समग्र,…
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ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मन्दिर का सम्पूर्ण इतिहास
आज का विवादित “ज्ञानवापी” सहित सम्पूर्ण ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर अनादिकाल से विश्वेशर ज्योर्तिलिंग मन्दिर के नाम से जाना जाता था. यह मन्दिर भारतवर्ष और यूरेशिया के अन्य बड़े बड़े प्राचीन मन्दिरों जैसे मक्का (अरब), वेटिकन (रोम), रावक (खोतान) आदि की तरह ज्योतिषीय आधार पर निर्मित था. काशी में विश्वेशर मन्दिर का निर्माण सर्वप्रथम किसने करवाया था इसकी कोई जानकारी नहीं है. मन्दिर से सम्बन्धित जितनी भी जानकारी है वे इनके जीर्णोधार और पुनर्निर्माण से सम्बन्धित है. इस मन्दिर का उल्लेख महाभारत, उपनिषद, पुराण आदि में मिलता है. मन्दिर से सम्बन्धित अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. मुख्य ज्ञानवापी काशी…
राजा भोज के वंशज कुछ परमार क्षत्रिय दलित कैसे बन गए?
फेसबुक के एक पोस्ट पर जब मैंने एक “मिस्टर परमार” को खुद को मूल निवासी बताते हुए समस्त हिंदुओं और मुझे गाली देते देखा तो दंग रह गया. मैं स्तम्भित रह गया की भारत के गौरवशाली क्षत्रिय वंशों में से एक परमार (शासन: ८०० ईस्वी से १३०५ ईस्वी) जिसमे दिग्दिगंत विजेता वाक्पति मुंज जैसा सम्राट पैदा हुआ हो जो पश्चिमी चालुक्यों के शासक तैलप द्वितीय जैसे दक्षिण के विजेता जिसने महान चोलों को भी परास्त किया था को एक दो बार नहीं पूरे छः बार पराजित किया हो, जिसके पूर्वज राजा भोज जैसे महान उदार, प्रजावत्सल, विद्वान, कई ग्रंथों के…
राममन्दिर पुनर्निर्माण केलिए ४९२ वर्ष लम्बे संघर्ष की गौरवगाथा
६ दिसम्बर, १९९३ को भारत का कलंक बाबरी विध्वंस हुआ भारत में उपलब्ध स्थानीय अभिलेख, क्षेत्रीय इतिहास, अनुश्रुति और भारतीय ग्रन्थों में उपलब्ध जानकारी के अनुसार अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराम का भव्य मन्दिर बनाने का पहला श्रेय मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के बड़े पुत्र कुश को जाता है. अर्केओलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा श्रीरामजन्मभूमि की खुदाई में मन्दिर के तिन परतों का पता चला जिसमे द्वितीय परत प्रथम ईसापूर्व के महान चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बना माना जाता है. और उसके लगभग एक हजार वर्ष बाद ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी में अयोध्या के गहड़वाल वंश के शासक गोविन्दचन्द्र द्वारा निर्मित या जीर्णोद्धार किया…
डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर न दलित थे न अछूत, वे क्षत्रिय थे
बाबा साहेब आम्बेडकर मैं पिछले दिनों शोध कर रहा था कि अंग्रेजों ने जिन हिन्दू जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था क्या वे सचमुच दलित थे तथा ब्राह्मणों और क्षत्रियों द्वारा ५००० वर्षों से शोषित और पीड़ित थे! मैंने अपने शोध में पाया कि अंग्रेजों ने जिन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था अपवाद को छोड़कर बाकी सब क्षत्रिय, ब्राह्मण और वैश्य जाति से थे और वे क्षत्रियों, ब्राह्मणों के द्वारा ५००० वर्षों से शोषित, पीड़ित नहीं बल्कि उनकी दुर्गति केलिए ८०० वर्षों का अत्याचारी, हिंसक, लूटेरा मुस्लिम शासन और २०० वर्षों का लूट और अत्याचार…
दलित जातियां दरिद्र बने क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य लोग हैं, भाग-२
मुस्लिम-ब्रिटिश शासन में बंगाल की जनता की तस्वीर गतांक से आगे… अब देखिये वामपंथी और दलितवादी कहते हैं ब्राह्मण और क्षत्रिय दलितों का ५००० वर्षों से शोषण कर रहे थे जबकि १००० ईस्वी से १८०० ईस्वी तक ब्राह्मण और क्षत्रिय खुद मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा शोषित, पीड़ित और वंचित थे और पिछले २०० वर्षों से अंग्रेज इनका शोषण और उत्पीडन कर रहे थे. जब विदेशी सत्ताधारी ईसाई और मुसलमान पहले से ही सभी भारतवासियों का शोषण और उत्पीडन कर रहा हो तो एसे समय में भला और कोई क्या किसी का शोषण, उत्पीड़न करेंगे. मगर आगे देखिये.. ६. सीमांत क्षेत्रों में…
दलित जातियां दरिद्र बने क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य लोग हैं, भाग-१
सच्चाई जानकर आप दंग रह जायेंगे. लेखक दावा करता है कि अगर यह लेख दलित जातियों के घर घर पहुँच गयी तो दलित राजनीती और दलितवादियों कि दुकाने बंद हो जाएगी! कुछ प्रश्न मेरे दिमाग में हमेशा दो प्रश्न उठता रहता था. पहला प्रश्न था “अंग्रेजों ने जिन हिन्दू जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया था क्या वे सभी सचमुच दलित थे?” और दूसरा प्रश्न था “आखिर हिन्दुओं में इतनी दलित जातियां आई कहाँ से” जबकि हिन्दू संस्कृति तो वैदिक संस्कृति पर आधारित चतुर्वर्ण व्यवस्था थी जिसमे जन्म से सभी शुद्र और कर्म के आधार पर ही अन्य…
गाँधी-कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई लड़ी ही नहीं थी
कृपया कमजोर दिलवाले इस शोध-पत्र को न पढ़ें. यह नेहरूवादी/वामपंथी इतिहासकारों की चाटुकारीता पर आधारित नहीं बल्कि खुद अंग्रेजों, कांग्रेसी नेताओं और क्रांतिकारियों के शब्दों में और उनके विवरणों पर आधारित है. कांग्रेस के आधुनिक नेतागण छाती फुलाकर कहते हैं कि भारत की आजादी की लड़ाई केवल कांग्रेस ने लड़ी थी. क्या सचमुच ऐसा था? वैसे ही एक और सफेद झूठ फैला दिया गया है कि गाँधी ने आजादी दिलाई. भारत को आजादी गाँधी और उनके अहिंसात्मक आन्दोलन से मिली. मैं यकीन दिलाता हूँ कि नीचे का विवरण इस झूठ का पर्दाफाश कर देगा. कांग्रेस के गठन की पृष्ठभूमि इंडियन…
घोषणापत्र
हमारा घोषणा पत्र Our website address is: https://truehistoryofindia.in. मैं इस लेख को अपने वेबसाइट का घोषणापत्र घोषित करता हूँ और इस लेख में दिए गए एक एक शब्द का स्रोत और विस्तृत प्रमाण अपने इस वेबसाइट पर प्रकाशित होनेवाले विभिन्न एतिहासिक लेखों और शोधपत्रों के माध्यम से उपलब्ध कराने का वचन देता हूँ-संस्थापक ईसाई, इस्लामी और वामपंथी तीनों इतिहास के दुश्मन होते हैं. ये तीनों अपने अतीत के इतिहास को निकम्मा और गैरजरूरी बताकर नष्ट कर देते हैं. अगर भारत में घर घर में रामायण, महाभारत, वेद, पुराण आदि नहीं होते तो ये तीनों मिलकर भारत के गौरवशाली अतीत को…