भारत में 90-95% मुस्लिम वोट कांग्रेस, वामपंथी और अन्य छद्मसेकुलर पार्टियों को मिलता है और वे इसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं (2024 लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोट 95% पड़ा जबकि हिन्दू वोट सिर्फ 54% पड़ा)। कभी आपने सोचा है क्यों? क्या वे उन्हें महंगाई, बेरोजगारी कम करने केलिए वोट देते हैं? क्या वे भारत के विकास, सुरक्षा और सशक्तिकरण केलिए वोट देते हैं? आखिर मुसलमानों के एकमुश्त वोट के बदले उपर्युक्त राजनैतिक पार्टियाँ उन्हें क्या देती है? ये सब देती है:
1. हिन्दुओं (हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख, जैन) का हाथ पैर संवैधानिक और कानूनी शिकंजों में कसकर मुसलमानों को मनमानी करने की छूट देनेवाला कानून बनाते हैं।
2. हिन्दुओं को अपने धार्मिक, ऐतिहासिक शिक्षा और परम्परा से वंचित करने केलिए कानून बनाते हैं।
3. भारत भूमि पर कब्जे केलिए वक्फ एक्ट और हिन्दुओं (हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख, जैन) के मन्दिरों और इमारतों पर अवैध कब्जे को स्थायी बनाने केलिए वर्शिप एक्ट बनाते हैं।
4. कानून बनाकर मंदिरों को अपने शिकंजे में लेकर हिन्दुओं द्वारा चढ़ाये गये अरबों रूपये का बहुत बड़ा हिस्सा ये मुसलमानों और ईसाईयों को खैरात में देते हैं।
5. हिन्दुओं (हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख, जैन) के विरुद्ध जिहादी षड्यन्त्र के तहत असंवैधानिक रूप से संविधान में अपरिभाषित ‘सेकुलर’ शब्द घुसा देते हैं जिसका संविधान सभा ने विरोध किया था।
6. हिन्दुओं को शोषक, उत्पीड़क, हिंसक और पराजित दिखानेवाले तथा मुस्लिम आक्रमणकारियों को महान बतानेवाले फर्जी इतिहास लिखते और पढ़ाते हैं।
7. गैरमुस्लिम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करनेवाले इस्लाम और इस्लामिक आतंकियों, जिहादियों, दंगाईयों, बलात्कारियों के विरुद्ध एक शब्द नहीं बोलते पर वसुधैव कुटुम्बकम, सर्वधर्म समभाव की विचारधारा वाले सनातन धर्म को खुलेआम गाली देते हैं, इसे खत्म करने की बात करते हैं।
8. मुसलमानों को शांति का दूत और सहिष्णु, शांतिप्रिय हिन्दुओं को आतंकवादी और हिंसक बताते हैं।
9. मुस्लिमों द्वारा दलित, आदिवासी और हिन्दुओं की हत्या, बलात्कार, हिंसा, जबरन धर्मान्तरण और जमीन हड़पने पर चुप्पी साध लेते हैं।
10. 50 वर्ष में एकाध मुस्लिम लड़की की रेप हो जाये तो मुसलमानों के साथ मिलकर उसे अन्तराष्ट्रीय मुद्दा बना देते हैं पर जब मुसलमानों द्वारा आये दिन और कभी कभी तो रोज रोज दलित, आदिवासी और हिन्दुओं के बेटी, बहनों का रेप, रेप-मर्डर होते रहता है उस पर ये चुप्पी साध लेते हैं।
11. हिन्दुओं (हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख, जैन) के टैक्स के पैसों से इन्हें बड़े बड़े खैरात बांटने की कानूनी व्यवस्था करते हैं। यहाँ तक की कुछ राज्य तो विकास केलिए आबंटित बजट से भी ज्यादा इनके खैरात का बजट निर्धारित करते हैं।
12. दर उल हर्ब और काफिरों के विरुद्ध जिहाद का प्रशिक्षण और सञ्चालन केंद्र मदरसों और मस्जिदों को बढ़ावा देते हैं, उन्हें वेतन और पैसे देते हैं।
13. हिन्दुओं (हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख, जैन) के विरुद्ध दंगा और धर्मान्तरण की खुली छूट और संरक्षण देते हैं।
14. मुस्लिम आतंकियों और दंगाईयों के केस वापस लेते हैं या उनके विरुद्ध केस कमजोर करते हैं। यहाँ तक कि मुस्लिम आतंकियों के समर्थन में विधान सभा में प्रस्ताव भी पारित करते हैं।
15. आतंकियों के गुरु को शांति का दूत बताते हैं।
16. लवजिहाद, लैंड जिहाद, जनसंख्याँ जिहाद को मौन समर्थन देते हैं।
a. इस्लाम में पुरुषों को चार निकाह की अनुमति है। क्या मुसलमान औरतें पुरुषों की तुलना में चार गुना लड़कियाँ पैदा करती है? नहीं। इस्लाम इसके लिए लड़कियों की आपूर्ति पकड़ी गई गैरमुस्लिम स्त्रियों, युद्ध में मारे गये मुस्लिमों के विधवाओं से निकाह और गैरमुस्लिम स्त्रियों का धर्मान्तरण कर निकाह द्वारा करता है। वर्तमान में उपर्युक्त पहली दूसरी परिस्थिति लगभग शून्य है। अतः तीसरी अर्थात लव जिहाद की स्थति प्रबल है जिसका संरक्षण और पोषण ये राजनितिक पार्टियाँ करते हैं।
b. लैंड जिहाद अर्थात अवैध रूप से सरकारी भूमि, वन, पर्वत यहाँ तक कि एतिहासिक इमारतों पर अवैध कब्जे को संरक्षण और पोषण देते हैं।
c. जनसंख्याँ जिहाद वर्तमान इस्लाम का रक्तहीन सत्ता परिवर्तन का माध्यम है। जनसंख्या जिहाद से इन्होने कई राष्ट्रों का इस्लामीकरण किया है। उपर्युक्त पार्टियाँ जनसंख्याँ नियंत्रण सम्बन्धी किसी भी प्रकार के कानून का विरोध कर जनसंख्याँ जिहाद को संरक्षण प्रदान करती है।
17. इस्लामिक जिहाद और आतंकवाद को फलने फूलने की छूट और संरक्षण देते हैं।
18. मुस्लिम वोट के तुष्टीकरण केलिए पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश के प्रति नर्म रवैया अपनाते हैं, उन्हें आर्थिक, व्यापारिक मदद देकर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
19. पाकिस्तानी आकाओं से मिलकर मुम्बई में हमले कराते हैं और उसे हिन्दू संगठन आरएसएस का षडयंत्र बताने का षड़यंत्र करते हैं।
20. मुस्लिम आतंकियों, माफियों को जेल में बिरयानी खिलाते हैं और उन्हें बचाने केलिए रात के दो बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाते हैं।
उपर्युक्त प्रत्येक बिंदु केलिए एक या उससे अधिक प्रमाण दिए जा सकते हैं। ऐसे सैकड़ों कुकर्म हैं जो उपर्युक्त राजनितिक पार्टियाँ मुस्लिम वोट के बदले करते हैं और इससे भी ज्यादा करने केलिए तैयार रहते हैं। एक तरफ जहाँ पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद, जिहाद, दंगा, लूट और बलात्कार के विरुद्ध अपने देश, धर्म और जनता को बचाने में लगे हैं, हमारे हिन्दुस्थान में उल्टी गंगा बह रही है। यह हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा केलिए सबसे बड़ा खतरा है। ये हमारे देश को फिर से उसी विभाजन के दौर में ढकेल रहे हैं जहाँ भयानक नरसंहार, हिंसा, बलात्कार, जबरन धर्मान्तरण, लूट, घुटती सिसकती चीखती आवाजें, करुण क्रन्दन और जबरन धर्मान्तरण होता है।
आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे संदेशों को जमीन पर उतरकर हिन्दुओं विशेषकर उन 32 करोड़ मूर्ख, गैरजिम्मेदार और अक्ल के अंधे हिन्दुओं को समझाएं जो 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट भी डालने की जहमत नहीं उठा सके। जमीन पर उतर कर नहीं काम कर सकते तो ऐसे संदेशों को ऐसे फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स में पहुंचाएं जहाँ मूर्ख सेकुलर हिन्दुओं की संख्या हो। इसके लिए आपको उनके ग्रुपों में शामिल होना होगा। आप शामिल होइए। आपके पोस्ट पर वे चीखेंगे, चिल्लायेंगे, गालियां भी देंगे, रिमूव भी कर देंगे परन्तु आपको धैर्य से काम लेना होगा। केवल आपस में राष्ट्रवादी ग्रुपों में शेयर करने से कुछ नहीं होगा।