मुस्लिम-ब्रिटिश शासन में बंगाल की जनता की तस्वीर गतांक से आगे… अब देखिये वामपंथी और दलितवादी कहते हैं ब्राह्मण और क्षत्रिय दलितों का ५००० वर्षों से शोषण कर रहे थे जबकि १००० ईस्वी से १८०० ईस्वी तक ब्राह्मण और क्षत्रिय खुद मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा शोषित, पीड़ित और वंचित थे और पिछले २०० वर्षों से अंग्रेज इनका शोषण और उत्पीडन कर रहे थे. जब विदेशी सत्ताधारी ईसाई और मुसलमान पहले से ही सभी भारतवासियों का शोषण और उत्पीडन कर रहा हो तो एसे समय में भला और कोई क्या किसी का शोषण, उत्पीड़न करेंगे. मगर आगे देखिये.. ६. सीमांत क्षेत्रों में…
Author: TrueHistoryofIndia
दलित जातियां दरिद्र बने क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य लोग हैं, भाग-१
सच्चाई जानकर आप दंग रह जायेंगे. लेखक दावा करता है कि अगर यह लेख दलित जातियों के घर घर पहुँच गयी तो दलित राजनीती और दलितवादियों कि दुकाने बंद हो जाएगी! कुछ प्रश्न मेरे दिमाग में हमेशा दो प्रश्न उठता रहता था. पहला प्रश्न था “अंग्रेजों ने जिन हिन्दू जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया था क्या वे सभी सचमुच दलित थे?” और दूसरा प्रश्न था “आखिर हिन्दुओं में इतनी दलित जातियां आई कहाँ से” जबकि हिन्दू संस्कृति तो वैदिक संस्कृति पर आधारित चतुर्वर्ण व्यवस्था थी जिसमे जन्म से सभी शुद्र और कर्म के आधार पर ही अन्य…
बंगाल में त्रिवेणी संगम पर स्थित जफर खान गाजी का दरगाह प्राचीन विष्णुमन्दिर है
A true history of Triveni, Hooghly of Bengal; you must not have been taught. दक्षिण बंगाल के सप्तग्राम (हूगली जिले में) में मान नृपति नाम का एक स्थानीय क्षत्रप था. प्राचीनकाल में सप्तग्राम एक विश्वप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्षेत्र था. यह बंगाल का प्रसिद्ध बन्दरगाह था. सप्तग्राम एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी था. इसी सप्तग्राम में पवित्र तीर्थस्थल त्रिवेणी था. बंगाल के हूगली जिले में त्रिवेणी बंडेल से ४ किमी दूर, बांसबेरिया, शिवपुर में है. यहाँ गंगा के साथ यमुना की एक धारा और दक्षिण सरस्वती की एक धारा (सोलहवीं सदी तक) आकर मिलती थी इसलिए इसे दक्षिण का प्रयाग भी कहा…
क्या वैदिक लोग गौ मांस खाते थे?
जो हिन्दू है वो गौ को माता मानते थे, मानते हैं और मानते रहेंगे विश्व का एकमात्र बदनसीब देश भारत है जहाँ पढाया जानेवाला भारत का इतिहास उन लोगों के द्वारा लिखा गया है जो मानसिक रूप में अंग्रेजों के गुलाम, अपने ही देश की सभ्यता, संस्कृति और धर्म के कट्टर विरोधी तथा आक्रमणकारियों के कट्टर पक्षपाती हैं जो भारत पर आक्रमण करने वाले आक्रमणकारीयों को तो हीरो की तरह पेश करते हैं जबकि उन धर्मान्ध, हिंसक नराधमों से अपने मातृभूमि, धर्म और जनता की रक्षा के लिए लडने वाले आक्रमित हिंदू वीरों को ही शत्रु के रूप में प्रदर्शित…
महात्मा बुद्ध की अहिंसा नहीं सम्राट अशोक का धम्म नीति भारतवर्ष और हिन्दुओं के पतन का कारन था
नमो बुद्धाय प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक फ्रंकोइस गौटीयर ने अपने आर्टिकल हिंदू पॉवर के माध्यम से यह समझाने की कोशिस की है कि भारतवर्ष/हिंदुओं के पतन का कारन हिंदुओं में घर कर गयी कायरता, निष्क्रियता, अतिसहिष्णुता और दब्बूपन जैसी बुराईयां है और यह बुराईयां हिंदुओं में कमोवेश बौद्ध धर्म की अहिंसा की गलत नीतियों और भारतवर्ष में उसके बृहत प्रभाव के कारन जन मानस में फ़ैल जाने के कारन आई. उदहारण के रूप में वे कहते हैं की हिंदू/बौद्ध आज भी बाजिब लड़ाई झगड़े से भी दूर घरों में दुबक जाते हैं, कश्मीर से चार लाख पंडित केवल हिंदू होने…
गौरवशाली भारत-६
126. आप-सिन्धु का अपभ्रंश है आबसिन. इसी से अफ्रीका का अबीसीनिया देश का नाम पड़ा है. वहां के मूल निवासी भारत से आकर बसे थे. Eusebius नाम के ग्रीक इतिहासकार ने India as seen and known by Foreigners पुस्तक में लिखा है कि सिन्धु नदी के किनारे रहनेवाले लोग ईजिप्त के समीप इथिओपिया (अबीसीनिया) प्रदेश में आकर बसे. 127. वैदिक कालगणना के अनुसार साठ पल की एक घटि और साठ घटियों का एक दिन होता है. ढाई घटियों का एक होरा बनता है. उसी होरा शब्द से Hour बना है. 128. भारतीय पद्धति में समय के मापक इकाई १ परमाणु=…
गौरवशाली भारत-५
101. यूरोप में सारे ड्रुइडो का धर्मप्रमुख जिसे सामान्यजनों को पापी ठहराकर बहिष्कृत कराने या पापमुक्त घोषित करने का अधिकार था उसके पद का संस्कृत नाम था पाप-ह यानि पापहर्ता या पापहंता. रोम में उसके धर्मपीठ को Vatican संस्कृत शब्द वाटिका कहा जाता था. उसी पाप-ह शब्द से पोप शब्द बना. किन्तु फ्रेंच आदि अन्य यूरोपीय भाषाओँ में उस धर्मगुरु को अभी भी उसके मूल संस्कृत शब्द पाप या पाप-ह ही कहते है.(पी एन ओक) 102. The Celtic Druids, Writer-Godfrey Higgins, Picadilly, 1929 ग्रन्थ की भूमिका में हिगिंस ने लिखा है, “उत्तर भारत के निवासी बौद्ध लोग, जिन्होंने पिरमिड्स, स्टोनहेंज,…
हमारा उद्देश्य
वंदेमातरम् भारत के सत्य इतिहास का अनुसन्धान और प्रकाशन केलिए इस वेबसाइट का निर्माण किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को भारतवर्ष के सत्य और गौरवशाली इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराना है जिसे ब्रिटिश सरकार ने साम्राज्यवादी हितों केलिए जानबुझकर विकृत किया और मार्क्सवादी इतिहासकार जानबुझकर जो सच नहीं बताते हैं. अतः हमारा उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा विकृत तथा वामपंथी इतिहासकारों के फर्जी और मनगढ़ंत इतिहास को तथ्यों और सबूतों के साथ जनता के सामने एक्सपोज कर सत्य इतिहास को सामने लाना है. हमारा उद्देश्य आधुनिक एतिहासिक, नृजातीय और वैज्ञानिक शोधों तथा नए एतिहासिक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर…
काबा शिव मन्दिर था और मुहम्मद का परिवार वहां के पुजारी
प्राचीन काबा अरब प्राचीनकाल से शिव भक्ति का केंद्र रहा है क्योंकि पौराणिक काल से अरब-अफ्रीका असुरों और दानवों का निवास स्थान (असुर लोक) रहा है. बाद में वे Cushites (कुश के प्रजाजन), Semetic (कृष्ण भक्त) भी बने और भारत के सम्राट विक्रमादित्य और शालिवाहन के समय अर्बस्थान भारत के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में था. फिर मौर्य सम्राट अशोक के काल में वहां बौद्ध धर्म भी फला फूला और विकसित हुआ. अतः इस्लाम के पहले अरब के लोग भी हिन्दू ही थे जिन्हें आधुनिक इतिहास में पैगन (मूर्तिपूजक) कहा जाता है और इसलिए मक्का प्रसिद्ध तीर्थस्थल था जहाँ काबा मन्दिर था…
इस्लामपूर्व अर्बस्थान का हिन्दू इतिहास
मक्का का पुराना तस्वीर यह ख़ुशी की बात है कि अंग्रेजों और वामपंथियों का हिन्दू विरोधी षड्यंत्र की हम हिन्दू विदेशी और अपने ही देश भारतवर्ष पर आक्रमणकारी है अब झूठ और मनगढ़ंत साबित हो चूका है. अब इतिहासकार मानने लगे हैं कि हिन्दू विदेशों से भारत नहीं आये बल्कि विश्वगुरु भारत के गौरवशाली हिन्दू भारत से निकलकर पुरे विश्व में वैदिक संस्कृति, सभ्यता, धर्म, शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान और व्यापार का प्रसार किये थे.आधुनिक इतिहास शोधों से अब स्पष्ट हो गया है कि लगभग पुरे एशिया पर इस्लाम पूर्व काल तक हिन्दुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शासन था. अरब में…