मेरी इच्छा भारत के साथ हजार बरसों तक युद्ध करने की है-जुल्फिकार अली भुट्टो, पूर्व प्रधानमंत्री पाकिस्तान. १९२८ में सिंध के लरकाना में जन्मे मुस्लिम बाप और हिंदू माँ (लखीबाई) का बेटा जुल्फिकार अली भुट्टो मुंबई में अपनी शिक्षा पूर्ण की थी परन्तु इसी बात पर अयूब खान और जिया उल हक के द्वारा राजनितिक दुष्प्रचार के कारण भुट्टो को पाकिस्तान में बार बार परेशान होना पड़ा था. शायद हिंदुओं और हिन्दुस्तान की प्रति उनकी हिंसा और नफरत में वृद्धि का कारण इतिहास के उस कड़वे सच की भांति ही था की धर्मान्तरित हिंदू, हिंदू माँ या धर्मान्तरित बाप या…
Author: TrueHistoryofIndia
क्या प्राचीन ग्रीस (यूनान) की सभ्यता के जनक वैदिक जन थे?
इतिहासकार पी एन ओक लिखते हैं, “यूरोपीय लोग ग्रीस (यूनान) देश को निजी परम्परा का उद्गम स्थान मानते है तथापि यूरोप में ईसाईयत के प्रसार के पश्चात वे यह भूल गये कि ग्रीस स्वयम एक वैदिक देश था.” वे आगे लिखते हैं, “यूरोपीय विद्वान मित्र उर्फ़ मित्रस देवता को ईरानी समझकर आश्चर्य प्रकट करते हैं कि ग्रीस और रोम में भी सूर्य देवता की पूजा कि प्रथा कैसे चल पड़ी? दरअसल यूरोपियनों ने ईसा पूर्व के अपने पूर्वजों के इतिहास को अंधकार युग बताकर भुला दिया है. इसलिए उन्हें पता ही नहीं है कि भारत और ईरान की तरह यूरोप…
दलित-मुस्लिम का नारा देकर दलितों को मरवानेवाला जोगेन्द्रनाथ मंडल की कहानी
जोगेन्द्र नाथ मंडल का मानना था कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के बीच दलितों की स्थिति में कभी सुधार नहीं हो सकता है. अतः हिन्दुओं के विरुद्ध संघर्ष करनेवाले अल्पसंख्यक मुसलमान और दलित पाकिस्तान में भाई भाई की तरह रह सकते हैं. उनकी आवाहन पर पाकिस्तान और बांग्लादेश के लाखों करोड़ों दलित विभाजन के दौरान न सिर्फ वहीं रह गये बल्कि लाखों उनके साथ पाकिस्तान चले गये. पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने जोगेन्द्र नाथ मंडल को पाकिस्तान की संविधान सभा के पहले सत्र का अध्यक्ष बनाया और वह पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री भी बने. पर जल्द ही उनका दलित…
ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मन्दिर का सम्पूर्ण इतिहास
आज का विवादित “ज्ञानवापी” सहित सम्पूर्ण ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर अनादिकाल से विश्वेशर ज्योर्तिलिंग मन्दिर के नाम से जाना जाता था. यह मन्दिर भारतवर्ष और यूरेशिया के अन्य बड़े बड़े प्राचीन मन्दिरों जैसे मक्का (अरब), वेटिकन (रोम), रावक (खोतान) आदि की तरह ज्योतिषीय आधार पर निर्मित था. काशी में विश्वेशर मन्दिर का निर्माण सर्वप्रथम किसने करवाया था इसकी कोई जानकारी नहीं है. मन्दिर से सम्बन्धित जितनी भी जानकारी है वे इनके जीर्णोधार और पुनर्निर्माण से सम्बन्धित है. इस मन्दिर का उल्लेख महाभारत, उपनिषद, पुराण आदि में मिलता है. मन्दिर से सम्बन्धित अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. मुख्य ज्ञानवापी काशी…
अम्बेडकर ने लिखा है शूद्र क्षत्रियों के वंशज हैं, क्या अम्बेडकर भी क्षत्रियवंशी थे?
मैं पिछले वर्ष शोध कर रहा था कि अंग्रेजों ने जिन हिन्दू जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था क्या वे सचमुच दलित थे तथा ब्राह्मणों और क्षत्रियों द्वारा ५००० वर्षों से शोषित और पीड़ित थे! मैंने अपने शोध में पाया कि अंग्रेजों ने जिन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था अपवाद को छोड़कर बाकी सब क्षत्रिय, ब्राह्मण और वैश्य जाति से थे और उनकी दुर्गति केलिए ८०० वर्षों का अत्याचारी, हिंसक, लूटेरा मुस्लिम शासन और २०० वर्षों का लूट और अत्याचार वाला अंग्रेजों का शासन जिम्मेदार था. आश्चर्य तो मुझे इस बात पर हुआ कि डॉ…
Secret Of Sinauli Decoded-सिनौली-का-रहस्य-खुल-गया?
उत्तरप्रदेश के बागपत जिले के सिनौली गाँव के नीचे प्राचीन भारत का इतिहास दबा हुआ है. यहां पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) की टीम ने खोदाई की तो जमीन से नर कंकाल, समाधि, तांबे के कड़े, म्यान, तलवार, धनुष-बाण, स्वर्णाभूषण, मिट्टी के बर्तन, खंडहरनुमा रसोई आदि निकली है. खुदाई में प्राचीन भारत के रथ और हथियार भी पाए गए हैं. सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ कवच पहने एक स्त्री की भी समाधि मिली है जिसके पास ताम्बे की एंटीना तलवार मिली है. भारत में आर्यों के आक्रमण की थ्योरी को झुठलाते ये प्रमाण अब लोगों में चर्चा…
शक (Scythian) भारतवर्ष से निर्वासित सूर्यवंशी क्षत्रिय थे
आधुनिक इतिहासकारों कि सबसे बड़ी खामियां यह है कि वे क्रिश्चियन विश्वास (बाईबल के अनुसार सृष्टि का निर्माण ४००४ ईस्वीपूर्व) के कारण उनकी ऐतिहासिक दृष्टि ३००० ईस्वीपूर्व के आसपास सिमट जाती है. उससे आगे उनमें सोचने समझने कि क्षमता दिखाई ही नहीं पड़ती है. ईसाई-मुस्लिम इतिहासकारों में जानबूझकर ईसापूर्व और इस्लाम पूर्व इतिहास को नकारने की भी गलत प्रवृति पाई जाती है. इसलिए तो इतिहासकार पी एन ओक ईसाई, इस्लामी और वामपंथी इतिहासकारों को इतिहास का दुश्मन लिखते हैं. दूसरी ओर भारतीय ग्रंथों में सहस्त्रों वर्ष पुरानी इतिहास लिखित रूप में उपलब्ध हैं, परन्तु भारत के “ईसाई” ब्रिटिश सरकार और…
गोंडवाना की रानी वीरांगना दुर्गावती
रानी दुर्गावती महोबा के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की एकमात्र संतान थीं. चंदेल लोधी राजपूत वंश की शाखा का ही एक भाग है. बांदा जिले के कालिंजर दुर्ग में ५ अक्तूबर, १५२४ ईसवी की दुर्गाष्टमी पर जन्म के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया. नाम के अनुरूप ही वह तेज, साहस, शौर्य और सुन्दरता के कारण प्रसिद्ध हो गयी. दुर्गावती को तीर तथा बंदूक चलाने का अच्छा अभ्यास था. चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी. कालिंजर का युद्ध १५४५ ईस्वी कि बात है. बाबर कि औलाद हुमायूँ को हराकर बिहार का मुस्लिम शासक शेरशाह सूरी जो दिल्ली का बादशाह…
गौरवशाली भारत-१०
226. रमजान, रामदान वास्तव में रामध्यान शब्द है. अर्बस्थान के लोग प्राचीन समय से रमझान के पुरे महीने में उपवास रखकर भगवान राम का ध्यान पूजन करते थे. इसीलिए रमझान का महीना पवित्र माना जाता है-पी एन ओक 227. मक्का की देवमूर्तियों के दर्शनार्थ प्राचीन (इस्लामपूर्व) काल में जब अरब लोग यात्रा करते थे तो वह यात्रा वर्ष की विशिष्ट ऋतू में ही होती थी. शायद वह यात्रा शरद ऋतू में (यानि दशहरा-दीपावली के दिनों में) की जाती थी. प्राचीन अरबी पंचांग (वैदिक पंचांग के अनुसार) हर तिन वर्षों में एक अधिक मास जुट जाता था. अतः सारे त्यौहार नियमित…
गौरवशाली भारत-९
201. ईजिप्त के इतिहासकार Bengsch Bey लिखते हैं, “अति प्राचीनकाल में भारत से लोग आकर ईजिप्त में नील नदी के किनारे बसे. स्वयं ईजिप्त के लोगों में यह भावना व्याप्त है कि वे किसी अन्य अद्भुत देश से ईजिप्त में आ बसे. वह देश हिन्द महासागर के किनारे का पवित्र पन्त देश (पंडितों का देश) था. वह उनलोगों के देवताओं का मूल देश था. वह पन्त देश भारत के अतिरिक्त अन्य कोई हो ही नहीं सकता. (Pg. 123, The Theosophist मासिक, मार्च १८८१) २०२. ईजिप्त के शिलालेखों से पता चलता है कि फराओ संकर्राह (राजा शंकर) ने कई प्रजाजनों को…