शेयर करेंवंदेमातरम् भारत के सत्य इतिहास का अनुसन्धान और प्रकाशन केलिए इस वेबसाइट का निर्माण किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को भारतवर्ष के सत्य और गौरवशाली इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराना है जिसे ब्रिटिश सरकार ने साम्राज्यवादी हितों केलिए जानबुझकर विकृत किया और मार्क्सवादी इतिहासकार जानबुझकर जो सच नहीं बताते हैं. अतः हमारा उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा विकृत तथा वामपंथी इतिहासकारों के फर्जी और मनगढ़ंत इतिहास को तथ्यों और सबूतों के साथ जनता के सामने एक्सपोज कर सत्य इतिहास को सामने लाना है. हमारा उद्देश्य आधुनिक एतिहासिक, नृजातीय और वैज्ञानिक शोधों तथा नए एतिहासिक तथ्यों और प्रमाणों के आधार…
Category: गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत-४
शेयर करें76. प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ बृहदविमानशास्त्र, गयाचिन्तामणि, भागवतम, शानिस्त्रोत और रामायण में विमानों का उल्लेख है. बंगलोर के इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस के विमान विभाग के पांच रिसर्चरों का शोध पत्र मद्रास से प्रकाशित द हिन्दू पत्रिका में प्रकाशित हुआ था. शोधकों ने लिखा था, “भरद्वाज मुनि द्वारा लिखित बृहदविमानशास्त्र ग्रन्थ में वर्णित विविध विमानों में से ‘रुक्मी’ प्रकार के विमान का वहनतंत्र या उड़ानविधि समझ में आती है. उस विधि द्वारा आज भी विमान की उडान की जा सकती है. किन्तु अन्य विमानों का ब्यौरा समझ नहीं आता. 77. प्राचीन काल के वैदिक शास्त्रों में ८ प्रकार के उर्जा स्रोत…
गौरवशाली भारत-३
शेयर करें51. यहूदी, ईसाई और इस्लामी पंथ में जिस मूल धर्मप्रवर्तक अब्राहम का उल्लेख हुआ है, वे ब्रह्मा ही हैं. ब्रह्मा को अब्रम्हा कहना वैसी ही उच्चारण विकृति है जैसे स्कूल को अस्कूल और स्टेशन को अस्टेशन कहने में होती है. मुसलमानों में वही वैदिक ब्रह्मा अब्राहम के बजाए इब्राहीम उच्चारा जाता है-पी एन ओक 52. ईश्वर का संस्कृत शब्द इशस बाइबिल में Jesus, यहूदी में issac (इशस) जबतक c का उच्चारण स होता रहा तब तक इशस; c का उच्चारण क होने पर आयझेक, इस्लाम में इशाक (issac अर्थात इशस) कहलाता है. अतः स्पष्ट है सारे विश्व में प्राचीन…
गौरवशाली भारत-२
शेयर करें26. चतुर्युग अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग कुल ४३२०००० वर्षों का होता है जिसे एक चक्र कहते हैं. १००० चक्र अर्थात ४३२००००००० वर्ष को एक कल्प कहते हैं जो बिगबैंग सिद्धांत के अनुरूप सृष्टि निर्माण काल और विरामकाल के अनुरूप है. एक कल्प में १४ मन्वन्तर होते हैं. प्रत्येक मन्वन्तर के शासक को मनु कहते हैं. वर्तमान मनुस्मृति चालू मन्वन्तर की आचारसंहिता है. वर्तमान विश्व सातवें मन्वन्तर में है जो सौर्यमंडल सिद्धांत और सूर्य के वैज्ञानिक आयु के समकक्ष है. 27. ईश्वरः सर्व भूतेषु हृदेशे अर्जुन तिष्ठति भ्राम्यन सर्वभूतानि यंत्ररुढ़ानि मायया. अर्थात समूचा विश्व एक यंत्र है जिस…
गौरवशाली भारत-१
शेयर करें1. भा-रत यानि सूर्य की दैवी आभा के ध्यान में रत रहने वाला देश. वैदिक सम्राट भरत प्रलय के पश्चात विश्व के सम्राट हुए तब से सारे विश्व का भारतवर्ष नाम पड़ा. “वर्ष” शब्द पूरी गोल पृथ्वी का निदर्शक है. आंग्ल शब्द युनिवर्ष (Universe) में भी वही संस्कृत शब्द उसी अर्थ से रूढ़ है. बारह मासों का एक वर्ष जब कहा जाता है तो वहां भी “वर्ष” शब्द गोल ऋतुचक्र का द्योतक है-पी.एन.ओक २. भारतियों को अरब लेखक हिन्दू कहा करते थे क्योंकि उस समय भारत निवासी सारे हिन्दू होते थे. फ्रेंच लोग भी भारतियों को हिन्दू ही कहते…