नवीनतम शोध, प्राचीन भारत

मध्य एशिया के कुषाण हिन्दू थे

कुषाण
शेयर करें

ग्रियर्सन के अनुसार (मध्य एशिया के) मिदिया के लोग आर्य थे और २५०० ईस्वीपूर्व में यहाँ थे. मिदिया में आर्यों की धाक थी. उनके देवता वे ही थे जिनके नाम बाद में हम भारत में पाते हैं और यह कि वे सतेम भाषी थे, जो प्राचीन संस्कृत से अधिक निकटता रखती है.

ग्रियर्सन के इस बात से लगभग सभी साम्राज्यवादी और वामपंथी इतिहासकार सहमत हैं क्योंकि ये लोग भारत के हिन्दुओं को मध्यएशिया से भारत में आये हुए साबित करने केलिए ही नाना प्रकार के झूठ और मनगढ़ंत इतिहास फैला रखें हैं. सवाल यह उठता है कि जब सिर्फ २५०० ईसापूर्व मध्य एशिया वैदिक सभ्यता, संस्कृति, धर्म और आर्य हिन्दुओं का गढ़ था तो फिर अचानक क्या हो गया कि, इन्ही इतिहासकारों के अनुसार, मध्य एशिया का हिन्दू इतिहास एकाएक खत्म हो गया और प्रथम सहस्त्राब्दी ईस्वी पूर्व से ही वहां हिन्दुओं का कोई इतिहास ही नहीं दिखाई पड़ता?

क्या मध्य एशिया के तुर्की/मंगोल मुसलमानों द्वारा भारत में दिल्ली सल्तनत और मुगल वंश स्थापित कर लेने के बाद मध्य एशिया से मुसलमान खत्म हो गये? अगर यह मान भी लिया जाये कि हिन्दू मध्य एशिया से १५०० ईस्वी पूर्व ही भारत आये थे तो हिन्दू भारत में भयानक अरबी, तुर्की मुस्लिम आक्रमण को झेलते हुए भी कम से कम, वर्तमान भारत में, ३५०० वर्षों से तो रह रहे हैं. फिर मध्य एशिया से हिन्दू अचानक कब और कैसे खत्म हो गये? साम्राज्यवादी और वामपंथी इतिहासकार इन सवालों का जबाब नहीं देते है क्योंकि उन्हें अपने अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति केलिए भारत का फर्जी एजेंडा इतिहास लिखना है.

परन्तु मध्य एशिया के ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि वहां हिन्दू खत्म नहीं हुए थे. मध्यएशिया और पूर्व मध्य एशिया के लोग बौद्ध धर्म अपनाने और जबरन मुसलमान बनाये जाने से पहले मुख्य रूप से हिन्दू और पारसी (पर्शियन हिन्दू) ही थे. मैंने पहले ही साबित कर दिया है कि मध्य एशिया के शक भारत से निर्वासित सूर्यवंशी क्षत्रिय थे और वे स्थानीय परिवर्तनों के साथ वैदिक संस्कृति और धर्म का ही पालन करते थे. शकों ने जब भारत पर हमला किया था तब भी वे हिन्दू ही थे. मध्य एशिया के कुषाणों और तुषारों के हिन्दू होने के प्रमाण मैं इस लेख में दे रहा हूँ.

कुषाणों का वामपंथी इतिहास

कुषाण
कनिष्क के समय कुषाण साम्राज्य

वामपंथी इतिहासकार कुषाणों के सम्बन्ध में हमें बताते है कि कुषाण वंश का संस्थापक मध्य एशिया का कुजुल कडफिसस था. कुषाणों का मूल स्थान चीन में था और वे चीन से भगाए गए यूची कबीले के लोग थे. कुजुल कडफिसस लघु यूची काबिले का सरदार था और वह बौद्ध धर्मी था. उसका पौत्र वीम कडफिसस ने शैव धर्म अपना लिया था, उसका प्रपौत्र कनिष्क बौद्ध था और वह भारत में कुषाण वंश का सबसे प्रतापी राजा था.

और एजेंडा इतिहास के तहत समझाते हैं कि बौद्ध अशोक मौर्य के बाद बौद्ध कनिष्क ही भारत का सबसे प्रतापी राजा था और उनके इतिहास में जैसे मौर्य वंश का वास्तविक संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य और चाणक्य गौण हो जाता है वैसे ही कुषाण साम्राज्य के वास्तविक संस्थापक कुजुल कडफिसस और वीम कडफिसस गौण हो जाते हैं.

कुषाणों का वास्तविक इतिहास

एक कुषाण शिवपुत्र स्कन्द की पूजा करते हुए

Contrary to earlier assumptions, which regarded Kujula Kadphises as Buddhist on the basis of the epithet of the ‘satyadharmasthita’ epithet, it is now clear from the wording of a Mathura inscription, in which Huvishka bears the same epithet satyadharmasthita , that the kingdom was conferred upon him by Sarva (Shiva) and Scandavira (Skand, the son of Shiva), that is, he was a devotee of the Hindu God Siva. It is striking to see that Kujula Kadphises has already adopted the worship of Shiva and the use of Kharosthï script at such an early date.

[Source: History of civilizations of Central Asia. Author- Ahmad Hasan Dani, Vadim Mikhaĭlovich Masson, János Harmatta, B. A. Litvinsky, Clifford Edmund Bosworth, Motilal Banarsidass, Unesco. 1992–2005. p. 318. ISBN 92-3-102719-0]

जी हाँ, यही सत्य है. History of civilizations of Central Asia पुस्तक पढ़ने से पहले भी मेरे पास इस बात के पर्याप्त सबूत थे कि कुजुल कडफिसस शैवधर्मी हिन्दू था न कि बौद्ध.

राहुल सांकृत्यायन अपने ग्रन्थ मध्य एशिया का इतिहास में लिखते हैं “ऐसा नहीं है कि यूची शक (कुषाण) भारत आने के बाद भारतीय संस्कृति और धर्म को अपना लिए बल्कि वे जहाँ के थे अर्थात मध्य-पूर्व एशिया के तारिम उपत्यका (आधुनिक शिनजियांग) में हिन्दू ही रहा करते थे.” उन्होंने कुषाणों केलिए यूची शक का प्रयोग किया है और ‘यूची’ के लिए भारतीय शब्द ‘ऋषिक’ लिखा है.

कुषाण वंश के संस्थापक कुजुल कडफिसस

कुषाण कालीन Oesho अर्थात शिव की पेंटिंग्स

दरअसल वामपंथी इतिहासकार मध्यएशियाई हिन्दू शासकों के केवल ग्रीक, चीनी नाम हम भारतियों को बताते है. उटपटांग ग्रीक, चीनी नाम से लगता है कि वे लोग भारतीय संस्कृति, धर्म और भाषा से अलग प्रजाति के लोग हैं और एजेंडा इतिहासकारों का उद्देश्य भी यही होता है. जैसे कुषाणों को चीन के यूची कबीले का बताते हैं पर यूचियों का भारतीय नाम, जिस पर देश विदेश के लगभग सभी इतिहासकार और विद्वान सहमत हैं कि चीनी ‘यूची’ ही भारतीय ग्रंथों में वर्णित ‘ऋषिक’ लोग हैं, नहीं बताते हैं.

अब कुजुल कडफिसस को देखिए. कुजुल कडफिसस का भारतीय नाम गुजुर कपिशिया है. इतिहासकार ऍफ़ डब्ल्यू थॉमस के अनुसार कुजुल वास्तव में गुशुर शब्द है. ऍफ़ डब्ल्यू थॉमस के मत का समर्थन टी. बरो नामक विद्वान ने भी किया हैं. ‘कनिष्क’ केलिए भी कई विदेशी ग्रंथों में ‘गनिष्क’ लिखा मिलता है.

कुजुल कडफिसस तथा तथा उसके पौत्र वीम कडफिसस के नाम में कडफिसस एक उपाधि है. कडफिसस को भिन्न-भिन्न रूप से लिखा गया हैं, जैसे- कुजुल कडफिसस के सिक्को पर खरोष्ठी लिपि और प्राकृत भाषा में कप्शा, कप्सा, कफ्सा, कफसा आदि. कुजुल को भारत के सोलहवां महाजनपद कम्बोज के कपिशा शहर का शासक होने का बड़ा गर्व था. अतः उसने कपिशा पर अपना शासन प्रदर्शित करने वाली एक उपाधि कपिशिया धारण की. लेवी के अनुसार ‘कड़फिसेस’ का अर्थ ‘कपिशा मैन’ (Kapisha man) हैं. (स्रोत: https://hi.wikipedia.org/wiki/कुजुल_कडफिसेस)

चीन के प्राचीन इतिहास होऊ हांसू में तो लगता है कुजुल कडफिसस का एक नाम तिलक (Thilac) लिख रखा है. “…the prince of Guishuang, named Thilac [Kujula Kadphises], attacked and exterminated the four other xihou. He established himself as king, and his dynasty was called that of the Guishuang [Kushan] King. He invaded Anxi [Indo-Parthia] and took the Gaofu [Kabul] region. He also defeated the whole of the kingdoms of Puda [Paktiya] and Jibin [Kapisha and Gandhara.”— Hou Hanshu [ Hill (2009), p. 29.]

कुषाणों का प्राचीन इतिहास

कुषाणों के हिन्दू होने से सम्बन्धित और भी सबूत रखने से पहले कुषाणों के प्राचीन इतिहास पर एक नजर डाल लेते हैं. लगभग सभी इतिहासकार इस मत से सहमत हैं कि भारतीय ग्रंथों में वर्णित ऋषिक जाति ही चीनी यूची हैं और अधिकांश इतिहासकार इस मत से सहमत हैं कि तुषार या तुखार और कुषाण यूची कबीलों से सम्बन्धित थे.

ऋषिक अर्थात यूची जातियां

वासुदेव शरण अग्रवाल ऋषिक जातियों को प्राचीन चीनी स्रोत में वर्णित यूची जाति मानते हैं. [India as Known to Pāṇini: A Study of the Cultural Material in the Ashtadhyayi, 1953, p 321] जे सी विद्यालंकार भी ऋषिक जतियों को कुषाण मानते हैं. मध्य एशिया का इतिहास लिखने वाले राहुल सांकृत्यायन यूची का भारतीय नाम ऋषिक बताते हैं. प्रसिद्ध बौद्ध सम्राट् कनिष्क का रक्तसंबंध इसी जाति के कुषाण नामक कबीले से था.

मत्स्य पुराण के अनुसार ऋषिक जातियां ऋषियों के वंशज हैं. इतिहासकार पी एन ओक रशिया का प्राचीन नाम ऋषिय प्रदेश बताते हैं क्योंकि उनके अनुसार प्राचीन काल में यह प्रदेश ऋषियों, मुनियों का तपस्या स्थल हुआ करता था. अतः मेरा मत है कि ऋषिक जातियां ऋषिय प्रदेश (रशिया) के लोग हो सकते हैं जो परवर्ती काल में तारिम उपत्यका (शिनजियांग) में बस गये होंगे. ज्ञातव्य है कि मध्य एशिया का अधिकांश भाग कुछ वर्षों पूर्व तक सोवियत रूस कहलाता था.

रामायण के किष्किन्धा कांड में उत्तरापथ के उत्तर ऋषिक जातियों और दक्षिणापथ (विदर्भ के निकट) के ऋषिक जातियों के दूसरी शाखा की चर्चा मिलती है. मार्कंडेय पुराण में भी दक्षिणापथ के ऋषिक जातियों की चर्चा मिलती है.

महाभारत में अर्जुन की दिग्विजय के प्रसंग में कम्बोज का लोह (लोहान) और ऋषिक जनपदों के साथ उल्लेख है (सभा. २७, २५). महाभारत के सभा पर्व के अनुसार ऋषिक जातियों ने लोहान, परमा कम्बोज के साथ मिलकर अर्जुन के दिग्विजय के दौरान उत्तरापथ के राज्यों के विजय में सहायता की थी. महाभारत के कर्णपर्व और भीष्मपर्व में भी दक्षिणापथ के ऋषिक जातियों की चर्चा है जो एक महाजनपद के निकट था.

कुषाण और तुषार

ग्रीक इतिहासकार लिखते हैं कि दूसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व में तुखारों ने मध्य एशिया पर विजय प्राप्त किया और कुषाण वंश के नाम से शासन किया जबकि चायनीज स्रोत बताते हैं कि सम्बन्धित काल में दा यूची (महायूची) ने मध्य एशिया पर अधिकार कर कुषाण वंश के नाम से शासन किया.

कल्हण कुषाणों को तुरुष्क जातियों (तुषार, तुखार) के वंशज मानते हैं. ओरल स्टीन तुखारों (Tokharoi/ Tokarai) को यूची की शाखा मानते हैं. पी सी बागची यूची, तोचारी (Tocharioi) और तुषार को एक ही जाति मानते हैं.

मेरा मत है कि कुषाणों और तुषारों में सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक और भाषाई सम्बन्धी इतनी समानताएं हैं कि सभी इतिहासकार कुषाणों और तुषारों को एक ही जाति के मान लेते हैं और वह समानता है इन दोनों के अतीत से लेकर ईसापूर्व और ईसापश्चात काल तक भारतीय संस्कृति, धर्म, परम्परा और भाषा से, किंचित स्थानीय परिवर्तनों सहित, मजबूती से जुड़े रहना. कुषाणों की तरह तुषारों का इतिहास भी वैदिक संस्कृति, धर्म और भाषा का हिन्दू इतिहास ही है जिसे हम इस लेख के अगले भाग में विस्तार से बतायेंगे.

कुषाणों की बस्ती

१३५ ईसा पूर्व में कुषाण हिन्दू कुश पर्वत क्षेत्र में वक्षु नदी (आधुनिक आमू दरिया) के उत्तरी और दक्षिणी हिन्दू कुश पर्वत क्षेत्रो पर काबिज़ थे (विकिपीडिया कुषाण). महाभारत में भी ऋषिक जातियों को आमू दरिया और सिर दरिया के बीच (Transoxian region) में बताया गया है. सभी विद्वान इस बात पर एकमत हैं कि यूची इंडो-यूरोपियन मूल के थे न कि चायनीज मूल के लेकिन चीनी इतिहास में इन्हें शिनजियांग के घासभूमि में गांसू प्रान्त के उत्तर-पश्चिमी भाग का बताया गया है. (Indo European in Cental Asia, AK Narain and Central Asia: History and Civilization by Roux, Jean-Paul)

ज्ञातव्य है कि इंडो-यूरोपियन कहे जानेवाले लोग किसी न किसी प्रकार भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा से जुड़े रहे हैं. ३२७ ई.पू में सिकंदर के आक्रमण के पश्चात यहाँ यूनानी बस गए थे तथा वे इस क्षेत्र को बैक्ट्रिया के नाम से पुकारते थे. बैक्ट्रिया पर पहले शकों ने हमला किया, फिर शकों और ग्रीकों को खदेड़ते हुए बाह्लीक (बैक्ट्रिया) राज्य की राजसत्ता कुषाणों ने यूनानियो को पराजित कर छीन लिया.

मध्य एशिया के लेखक राहुल सांकृत्यायन लिखते हैं, “१२४ ईस्वीपूर्व चीनी यात्री चान्ग्क्यान यूची शकों (कुषाणों) को वक्षु उपत्यका का स्वामी पाता है. बैक्ट्रिया का नाम बाद में तुखारिस्तान तुषारों के कारण पड़ा. यूची मूलतः शक भाषा भासी थे. इनकी भाषा ईरानी, संस्कृत और पुरानी शक भाषा सतेम परिवार (प्राचीन संस्कृत) से सम्बन्धित थी.”

वे आगे लिखते हैं, “ईसा कि प्रथम शताब्दी में तारिम उपत्यका के दक्षिणी भाग में उस समय भारतीय लिपि और भारतीय भाषा का प्रयोग होता था. नाम आदि से मालूम होता है कि भारत से जाकर बस गए लोगों का वहां प्राधान्य था. तारिम उपत्यका के उत्तरी भाग में शक-जातियों (तुषारों) का निवास था. यद्यपि भाषा, जाति और रीती-रिवाज में उत्तर दक्षिण का अंतर था, तो भी….दोनों प्रदेश एक ही धर्म और संस्कृति के माननेवाले थे.”

कुषाण साम्राज्य

ध्यानमुद्रा में बैठा हुआ गुजुर कपिशिया

कई इतिहासकारों का मत है कि कुषाण तारिम उपत्यका (शिनजियांग) के यूचीयों के वंशज तुखारों की ही एक शाखा थी. दरअसल बैक्ट्रिया को जीतने में पांच यूची कबीलों का साथ था. बैक्ट्रिया को जीतने के बाद प्रतिद्वंद्विता हुई जिसमें कुषाण कबीला सर्वश्रेष्ठ रहे और अपने सरदार कुजुल कडफिसस के नेतृत्व में राजसत्ता प्राप्त की.

कुजुल कडफिसस को कुषाण वंश का संस्थापक माना जाता है. चीन के ऐतिहासिक ग्रन्थ Hou Hanshu के अनुसार कुषाणों के सरदार कुजुल कड़फिसस ने बाह्लीक प्रदेश के दक्षिण में स्थित कपिशा और गंधार राज्यों को जीत लिया. कपिशा एक प्रतिष्ठित राज्य था. कपिशा राज्य का नाम उसके प्रसिद्ध नगर और राजधानी ‘कपिशा’ के नाम पर पडा था.

कुजुल कड़फिसस शैव धर्म को मानने वाला था. हिन्दू होने के कारण सर्वधर्म समभाव की भावना उसमें भी थी. इसलिए वह ग्रीक, बौद्ध, जरथ्रुष्ट धर्म को भी संरक्षण दिया. यह क्षेत्र लगभग ३५० वर्ष तक ग्रीकों के कब्जे में रहा, इसलिए कुषाणों पर ग्रीक धर्म, संस्कृति, भाषा और वेशभूषा का प्रारम्भ में काफी प्रभाव दिखाई देता है. प्रारम्भिक कुषाणों का राजनितिक संस्कृति और भाषा भी सम्भवतः ग्रीक ही रहा बाद में बाह्लीक (आर्य भाषा) और लिपि खरोष्ठी-ब्राह्मी हो गया.

कुजुल कडफिसस के वंशज

भारतीय शैली में बना सिंह के सिंहासन पर बैठा भीम ठाकोर उर्फ़ Vima Tahkto

अफगानिस्तान के राबतक अभिलेख से पता चलता है कि गुजुर कपिशिया के भाई का नाम सुदक्षना (Sadashkna) था (जो महाभारत में वर्णित एक कम्बोज राजा का भी नाम था). उसके पुत्र का नाम Vima Tahkto (भीम ठाकोर ?) था. इसके पौत्र का नाम वीम कडफिसस (भीम कपिशिया) था और यह भी शैव धर्मी था. भारत में कुषाण साम्राज्य के विस्तार का मुख्य श्रेय भीम कपिशिया को ही जाता है.  भारत में प्रथम सोने का सिक्का ढालने और सर्वाधिक सोने का सिक्का जारी करने का श्रेय इसे ही दिया जाता हैं.

सेनवर्मन के स्वर्णअभिलेख में सुदक्षना केलिए देवपुत्र और महाराजाधिराज कुजुल कडफिसस का पुत्र लिखा गया है.

भीम कपिशिया के सोने के सिक्के पर एक ओर शिव कि मूर्ति होती है. किसी किसी पर राजा के नाम से महिश्वर भी लिखा है जिससे उसके शैव होने का पता चलता है. इसके सिक्कों पर एक ओर मुकुट-शिरस्त्राणधारी राजा हाथ में गदा और शूल लिए खड़ा है तथा ग्रीक लिपि में वसिलेउस विमकडफिसस उत्कीर्ण है तथा दूसरी ओर महरजस राजाधिरजस सर्वलोग ईश्वरस महिश्वरस विमकडफिसस लिखा है. (मध्य एशिया का इतिहास)

Oesho अर्थात शिव वाली कुषाणकालीन सिक्के

भीम कपिशिया का पुत्र प्रसिद्ध राजा कनिष्क था जिसने मिनान्डर की नीति पर चलते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया था. इसके समय कुषाण साम्राज्य आधुनिक उज्बेकिस्तान, ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान से लेकर भारत के मथुरा तक विस्तृत हो गया था. तुर्कमेनिस्तान कुषाणों के बौद्ध नगर मर्व केलिए जाना था. (विकिपीडिया)

कनिष्क ने चीनी सेना को बुरी तरह पराजित किया और तारिम-उपत्यका (शिनजियांग) के अपने पूर्वजों के देश को प्राप्त करने में सफलता पाई…. कनिष्क केलिए बौद्ध धर्म या भारतीय संस्कृति कोई नई चीज नहीं थी, क्योंकि उसके पिता-पितामह के समय से ही नहीं, बल्कि कुषाणों के मूल स्थान तारिम-उत्यका में रहते समय भी बौद्ध धर्म और भारतीय संस्कृति की प्रधानता थी. (मध्य एशिया का इतिहास)

हुविष्क के सिक्खों पर भारतीय देवी देवताओं कि मूर्तियाँ मिलती है. हुविष्क के एक ताम्बे के सिक्के पर अग्रभाग पर हाथी पर सवार, शिरपर मुकुट पहने हाथ में शूल अंकुश लिए देवपुत्र की तस्वीर है, और पृष्ठ भाग पर किसी देवता की खड़ी मूर्ति. (मध्य एशिया का इतिहास)

शिवपुत्र स्कन्द और विशाख वाली हुविष्क के सिक्के

वासुदेव के सिक्के पर शिव, विशाख आदि कि मूर्तियाँ मिलिती है जिससे उसकी आस्था हिन्दू धर्म पर अधिक थी. कपिशा, बैक्ट्रिया, सोगदियाना, ख्वारेज्म आदि में नाना देवी की पूजा होती थी, जिसकी मूर्ति पहले के सभी कुषाण-सिक्कों पर मिलती है, किन्तु वासुदेव के सिक्कों पर बहुत कम मिलती है. इसके सिक्कों पर शिव और नदी की प्रधानता थी.  (मध्य एशिया का इतिहास)

मध्य एशिया के ख्वारेज्म में नाना देवी (पार्वती) वाला सिक्का

नाना देवी सम्भवतः सिंह पर सवार पार्वती देवी थी क्योंकि नाना देवी की मूर्ति कुषाणकालीन सिक्कों पर Oesho (शिव) के साथ युगलजोड़ी के रूप में मिलती है. हुविष्क और उसके बाद के सभी कुषाण शासक विशुद्ध हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति का पालन करते थे, हाँ, हिन्दू होने के नाते वे सर्वधर्म समभाव में विश्वास भी रखते थे.

अंतिम प्रमाण

एक तरफ भारत के वामपंथी इतिहासकार शकों, कुषाणों और हूणों (श्वेत हूण) को विदेशी और आक्रमणकारी बताते हैं दूसरी ओर भारत के गुर्जरों को कुषाणों के वंशज और राजपूतों को शकों और हूणों के वंशज भी बताते हैं जो भारतीय सभ्यता, संस्कृति, धर्म, परम्परा और भारतियों के निर्विवाद पालक और संरक्षक थे और हैं.

परन्तु आश्चर्य है कि वे यह बात छुपाने की भरपूर कोशिश करते हैं कि मध्य एशिया के शक, हूण, कुषाण आदि की अपनी सभ्यता, संस्कृति, धर्म, परम्परा आदि क्या था क्योंकि यही उनके एजेंडा इतिहास को सूट करता है. सवाल है आक्रमणकारी मुसलमान और ईसाई (अंग्रेज) क्या भारत आकर हिन्दू बन गये? भारतीय सभ्यता संस्कृति धर्म परम्परा के रक्षक और पालक बन गये?

(नोट-विभिन्न स्रोतों से कुषाण शासकों के शासन करने के भिन्न भिन्न अवधि और वर्ष प्राप्त होते हैं. इसलिए इस लेख में उनके शासन का वर्ष नहीं दिया गया है.)

मध्य एशिया में हिन्दुओं के होने का अन्य प्रमाण

लेखक Marie Grahams लिखते हैं, “प्राचीनकाल से भारत और समरकंद में लोगों का आना-जाना बड़े प्रमाण में बराबर होता रहा है. बाह्लीक प्रदेश (बल्ख) और अन्य उत्तरी नगरों में अनादिकाल से हिन्दुओं की बस्तियां हैं. हिन्दुओं का यहाँ एक प्राचीन तीर्थस्थल भी है…. वह काश्यपीय  (Caspian) सागर तट पर स्थित है.” (letters on India, Writer-Marie Grahams)

“अर्बस्थान तक के प्रदेशों में और उत्तरी ईरान में भी हिन्दू बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. ये लोग वहीँ के प्राचीन निवासियों के वंशज हैं. वे किन्हीं अन्य देशों से आकर यहाँ नहीं बसे. जब हजारों की संख्यां में स्थानीय जन मुसलमान बनाए जाने लगे तो उनमें जिन्होंने किसी भी दबाब व प्रलोभन में फंसकर इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया, वे यह लोग हैं.” (Memoirs of India, Writer-R.G. Wallace)

गोडफ्रे हिगिंस के ग्रन्थ इंडिया इन ग्रीस के पृष्ठ ४३ से ५९ पर उल्लेख है कि “भारत के नगरकोट, कश्मीर और वाराणसी नगरों में, रशिया के समरकन्द नगर में बड़े विद्याकेंद्र थे जहाँ विपुल संस्कृत साहित्य था.” मारकंड (समरकंद) मध्य एशिया का देश उज्बेकिस्तान का एक शहर है. अतः भारत के साम्राज्यवादी और वामपंथी इतिहासकार जो हमें पढ़ाते हैं कि अफगानिस्तान से आगे हिन्दू नहीं रहते थे, बिलकुल गलत हैं. वे तो आधुनिक अफगानिस्तान के हिन्दू, बौद्ध इतिहास को भी छुपाने का भरसक प्रयत्न करते हैं.

Tagged , , , , , ,

331 thoughts on “मध्य एशिया के कुषाण हिन्दू थे

  1. Its like you learn my thoughts! You seem to grasp a lot approximately
    this, such as you wrote the book in it or something.
    I believe that you could do with some % to pressure the message home a bit, but instead of that, that is excellent blog.

    An excellent read. I’ll certainly be back.

  2. Hi there! This is my first comment here so I just wanted to give a quick shout
    out and say I really enjoy reading your articles. Can you recommend
    any other blogs/websites/forums that go over the same topics?
    Thank you!

  3. You’re so interesting! I don’t suppose I’ve truly
    read through something like that before. So nice to find somebody with a few genuine thoughts on this issue.
    Really.. thanks for starting this up. This website is one thing that is required on the internet, someone with some originality!

  4. My brother suggested I might like this blog. He was totally right.
    This post truly made my day. You can not imagine just how much
    time I had spent for this info! Thanks!

  5. Hey! Quick question that’s totally off topic. Do you know how to make your site mobile friendly? My blog looks weird when viewing from my iphone4. I’m trying to find a template or plugin that might be able to resolve this issue. If you have any suggestions, please share. Thank you!

  6. Does your website have a contact page? I’m having trouble locating
    it but, I’d like to shoot you an e-mail. I’ve got some suggestions for your blog you might be interested in hearing.

    Either way, great blog and I look forward to seeing it develop over time.

  7. I have been surfing online more than three hours today, yet I never found any interesting article like yours.It’s pretty worth enough for me. In my view, if all webmasters and bloggers madegood content as you did, the internet will bemuch more useful than ever before.

  8. It’s genuinely very complicated in this busy life to listen news on Television,
    therefore I just use web for that purpose, and obtain the most up-to-date information.

  9. I got this web site from my buddy who told me regarding this web page and now this time I am visiting this web site and reading very informative articles at this place.

  10. Oh my goodness! Awesome article dude! Many thanks, However
    I am encountering issues with your RSS. I don’t understand why I am unable to subscribe to it.
    Is there anybody having the same RSS problems? Anybody who
    knows the solution can you kindly respond? Thanx!!

  11. Link exchange is nothing else however it is simply placing the other person’s blog link on your page at proper placeand other person will also do similar in favorof you.

  12. Hi there would you mind letting me know which web
    host you’re utilizing? I’ve loaded your blog
    in 3 different internet browsers and I must say this
    blog loads a lot faster then most. Can you recommend a good hosting
    provider at a reasonable price? Thank you, I appreciate it!

  13. Just desire to say your article is as amazing. The clarity to your submit is just spectacular and i could
    think you are an expert in this subject. Well with your permission let
    me to take hold of your RSS feed to keep up to date with imminent
    post. Thank you one million and please carry on the gratifying work.

  14. Magnificent beat ! I would like to apprentice while you amend your web site, how could i subscribe for a blog site?
    The account helped me a acceptable deal. I had been a little bit acquainted of this
    your broadcast provided bright clear idea

  15. Hi, i read your blog occasionally and i own a similar one and i was just
    curious if you get a lot of spam responses?
    If so how do you protect against it, any plugin or anything
    you can advise? I get so much lately it’s driving me mad so any assistance is very much appreciated.

  16. Hello just wanted to give you a quick heads up. The text
    in your content seem to be running off the screen in Safari.
    I’m not sure if this is a formatting issue or something to do with web
    browser compatibility but I thought I’d post to
    let you know. The layout look great though! Hope
    you get the problem resolved soon. Thanks

  17. Heya are using WordPress for your blog platform? I’m new to the blog world but
    I’m trying to get started and set up my own. Do you need any coding
    knowledge to make your own blog? Any help
    would be greatly appreciated!

  18. I’m impressed, I have to admit. Seldom do I encounter a blog that’s equally educative
    and engaging, and let me tell you, you have hit the nail on the head.

    The problem is something which not enough people are speaking intelligently
    about. I am very happy that I came across this during
    my hunt for something relating to this.

  19. Fascinating blog! Is your theme custom made or did you
    download it from somewhere? A theme like yours with a few simple adjustements would really make my blog
    shine. Please let me know where you got your
    theme. Bless you

  20. I know this if off topic but I’m looking into starting my own weblog and was
    curious what all is required to get set up? I’m assuming
    having a blog like yours would cost a pretty penny? I’m not very internet savvy so I’m not 100% sure.
    Any suggestions or advice would be greatly appreciated.
    Many thanks

  21. This is very interesting, You’re a very skilled blogger.
    I have joined your rss feed and sit up for looking for extra of your fantastic post.
    Also, I have shared your website in my social networks

  22. Asking questions are really fastidious thing if
    you are not understanding anything fully, except this piece of writing provides fastidious understanding even.

  23. What i do not realize is actually how you’re no longer really much more well-preferred than you might be now.
    You are so intelligent. You recognize thus significantly in terms of this matter, produced me individually imagine it from a lot of various angles.
    Its like women and men are not involved except it’s one
    thing to do with Woman gaga! Your own stuffs great.
    All the time maintain it up!

  24. Hello There. I found your blog using msn. That is a really neatly written article.
    I’ll be sure to bookmark it and return to read extra of
    your helpful info. Thank you for the post. I will definitely comeback.

  25. Unquestionably believe that which you stated. Your favorite justification seemed to be on the web the easiest thing to be aware of.
    I say to you, I definitely get annoyed while people think about worries that
    they just don’t know about. You managed to hit the nail upon the top as well
    as defined out the whole thing without having side effect , people could take a signal.
    Will likely be back to get more. Thanks

  26. Wonderful items from you, man. I have keep in mind your stuff prior to and you’re just
    too fantastic. I really like what you have got right here, really like what you’re stating and the way through which
    you assert it. You’re making it entertaining and you continue to take care of to
    keep it wise. I can not wait to learn far more from you.
    This is really a wonderful site.

  27. I don’t know if it’s just me or if everyone else encountering issues
    with your website. It looks like some of the written text within your
    content are running off the screen. Can someone else
    please provide feedback and let me know if this is happening to them
    too? This may be a problem with my internet browser because I’ve
    had this happen previously. Thank you

  28. Hi there, just became aware of your blog through Google,
    and found that it is really informative. I’m going to watch out for
    brussels. I will appreciate if you continue
    this in future. A lot of people will be benefited from
    your writing. Cheers!

  29. I used to be recommended this website by way of my cousin. I’m now not certain whether or not this post is written by means of him as nobody else understand such special approximately my problem.
    You are amazing! Thank you!

  30. Hello! I just wanted to ask if you ever have any trouble with hackers?

    My last blog (wordpress) was hacked and I ended up losing
    several weeks of hard work due to no back up. Do you have any methods to prevent hackers?

  31. It is the best time to make a few plans for the longer term and
    it’s time to be happy. I have learn this post and if I may just I
    wish to suggest you few attention-grabbing issues or suggestions.
    Perhaps you could write next articles referring to this article.
    I want to learn more issues approximately it!

  32. You could definitely see your expertise in the article you write.
    The arena hopes for more passionate writers such as you who aren’t afraid to
    say how they believe. At all times follow your heart.

  33. Good day! This is my first visit to your blog! We are a group of volunteers and starting a new project
    in a community in the same niche. Your blog provided us useful information to work
    on. You have done a extraordinary job!

  34. Hi there, I think your blog could possibly be having internet browser compatibility issues.

    When I look at your website in Safari, it looks fine
    however, if opening in Internet Explorer, it has some
    overlapping issues. I simply wanted to provide you with a quick heads up!
    Apart from that, great blog!

  35. Its like you read my mind! You appear to know so much about this, like you wrote the book in it or something.

    I think that you could do with some pics to drive the message home a
    bit, but instead of that, this is fantastic
    blog. An excellent read. I’ll definitely be back.

  36. Terrific article! That is the kind of info that are supposed
    to be shared across the web. Shame on Google for now not positioning
    this post upper! Come on over and discuss with my website .
    Thanks =)

  37. Hmm is anyone else experiencing problems with the images on this blog loading?
    I’m trying to figure out if its a problem on my
    end or if it’s the blog. Any feed-back would be greatly appreciated.

  38. Thanks for your marvelous posting! I actually enjoyed reading it, you
    are a great author.I will always bookmark your blog and will come back very soon. I want to encourage
    that you continue your great work, have a nice afternoon!

  39. Hello I am so delighted I found your website, I really found you by accident, while I
    was searching on Aol for something else, Anyhow I
    am here now and would just like to say thanks a lot for a incredible post and a all round exciting blog
    (I also love the theme/design), I don’t have time to browse it all at the minute but I have bookmarked it and also included your RSS
    feeds, so when I have time I will be back to read a great deal
    more, Please do keep up the superb work.

  40. Its like you read my mind! You seem to know so much about this, like you wrote the book
    in it or something. I think that you could do with some pics to drive the message home a little bit, but other than that,
    this is great blog. An excellent read. I will definitely be back.

  41. Do you mind if I quote a few of your posts as long as I provide credit and sources back to your site?
    My website is in the exact same area of interest as yours and my users would
    really benefit from some of the information you present here.
    Please let me know if this alright with you.
    Thanks a lot!

  42. Attractive section of content. I just stumbled upon your website
    and in accession capital to assert that I acquire in fact enjoyed account your blog posts.
    Anyway I will be subscribing to your augment
    and even I achievement you access consistently
    rapidly.

  43. Please let me know if you’re looking for a article writer for your
    blog. You have some really great posts and I believe I
    would be a good asset. If you ever want to take some of the load
    off, I’d absolutely love to write some material for your
    blog in exchange for a link back to mine. Please blast me an e-mail if interested.
    Regards!

  44. Hello, i feel that i noticed you visited my blog thus
    i came to return the favor?.I am attempting to to find things to enhance my site!I
    assume its good enough to use a few of your concepts!!

  45. My spouse and I stumbled over here coming from a different web address and thought I might as
    well check things out. I like what I see so now i am following you.

    Look forward to checking out your web page yet again.

  46. Hello, i believe that i saw you visited my website thus i got
    here to return the want?.I’m trying to to find issues to
    improve my website!I suppose its ok to make use of some of
    your concepts!!

  47. Hey I know this is off topic but I was wondering if you knew of
    any widgets I could add to my blog that automatically tweet my newest twitter updates.

    I’ve been looking for a plug-in like this for quite some time and was hoping maybe
    you would have some experience with something like this.
    Please let me know if you run into anything. I truly enjoy reading your blog and I look forward to your new updates.

  48. What i don’t realize is in truth how you’re now not actually much more smartly-appreciated than you may be right now.

    You are very intelligent. You understand therefore significantly in terms of this topic, produced me for my part
    believe it from a lot of numerous angles. Its like men and women are not fascinated unless it is something to accomplish with Lady gaga!
    Your individual stuffs excellent. All the time handle it
    up!

  49. My coder is trying to persuade me to move to .net from PHP.
    I have always disliked the idea because of the costs.
    But he’s tryiong none the less. I’ve been using WordPress on various websites for about a year and am concerned about switching
    to another platform. I have heard very good things about blogengine.net.
    Is there a way I can import all my wordpress content into it?
    Any help would be really appreciated!

  50. Hi, i believe that i saw you visited my web site so i came to return the
    prefer?.I am trying to in finding issues to improve my web site!I suppose its
    adequate to make use of some of your ideas!!

  51. Excellent goods from you, man. I’ve consider your stuff previous to and you are
    simply extremely magnificent. I really like what you have acquired here, really like what you are saying and the way by which you assert it.
    You make it entertaining and you continue to care
    for to stay it smart. I can not wait to read far more
    from you. That is actually a tremendous site.

  52. Hello I am so glad I found your website, I really found you by error,
    while I was researching on Askjeeve for something else, Anyways I
    am here now and would just like to say thanks for a tremendous post
    and a all round enjoyable blog (I also love the theme/design),
    I don’t have time to look over it all at the minute but I have saved it and
    also added in your RSS feeds, so when I have time I will be back to
    read a lot more, Please do keep up the great
    job.

  53. Howdy! I know this is kinda off topic however I’d figured
    I’d ask. Would you be interested in exchanging links or maybe guest authoring a blog article or vice-versa?
    My blog discusses a lot of the same subjects as yours
    and I think we could greatly benefit from
    each other. If you might be interested feel free to shoot me an email.
    I look forward to hearing from you! Fantastic blog by the way!

  54. Wonderful article! That is the kind of info that should be shared across
    the web. Shame on Google for not positioning this post upper!
    Come on over and talk over with my website . Thank you
    =)

  55. Hi there, You’ve done an incredible job. I will certainly digg it and personally recommend to my
    friends. I am confident they’ll be benefited from
    this site.

  56. Fantastic goods from you, man. I’ve consider your stuff prior to
    and you’re simply too fantastic. I really like what you’ve bought right
    here, really like what you are stating and the way
    in which by which you are saying it. You are making
    it enjoyable and you continue to care for to keep it
    sensible. I can’t wait to read much more from you. This is really a terrific website.

  57. Howdy just wanted to give you a brief heads up and let you know
    a few of the images aren’t loading correctly. I’m not sure why but
    I think its a linking issue. I’ve tried it in two different
    browsers and both show the same results.

  58. I am not sure where you’re getting your information, but great
    topic. I needs to spend some time learning more or understanding more.

    Thanks for excellent info I was looking for
    this info for my mission.

  59. Hello there! This is my first visit to your blog!
    We are a collection of volunteers and starting a
    new initiative in a community in the same niche. Your blog provided us useful
    information to work on. You have done a wonderful job!

  60. It’s awesome to go to see this web page and reading the views of all colleagues concerning this article, while I am also zealous of
    getting experience.

  61. I don’t know if it’s just me or if everyone else encountering issues
    with your site. It appears like some of the
    written text in your posts are running off the screen. Can someone else
    please provide feedback and let me know if this is happening to
    them as well? This could be a issue with my web browser because
    I’ve had this happen before. Cheers

  62. With havin so much content do you ever run into any problems of plagorism
    or copyright infringement? My blog has a lot of completely unique content I’ve either written myself or outsourced but it appears a lot of it is popping it up all over the internet without my authorization. Do you know any techniques
    to help prevent content from being ripped off? I’d certainly appreciate it.

  63. Hello there! I know this is kinda off topic but
    I’d figured I’d ask. Would you be interested in trading links or maybe
    guest writing a blog post or vice-versa? My website goes over a lot
    of the same subjects as yours and I feel we could greatly benefit from each other.
    If you happen to be interested feel free to send me an e-mail.
    I look forward to hearing from you! Terrific blog by the way!

  64. Pretty nice post. I just stumbled upon your weblog and wanted to mention that I have really loved
    surfing around your weblog posts. In any case I’ll be
    subscribing for your rss feed and I am hoping you write again very soon!

  65. I blog frequently and I truly appreciate your information.
    The article has really peaked my interest. I’m going to book
    mark your website and keep checking for new information about once a week.
    I opted in for your RSS feed too.

  66. Very nice post. I just stumbled upon your blog and wanted to
    mention that I have really enjoyed surfing around your blog
    posts. In any case I will be subscribing on your rss feed
    and I hope you write once more very soon!

  67. Nice post. I learn something totally new and challenging on sites I stumbleupon on a daily basis.
    It will always be interesting to read through articles from
    other writers and practice something from other sites.

  68. I was suggested this blog through my cousin. I’m now not positive whether this publish is written by him as
    nobody else realize such precise approximately my problem.
    You are incredible! Thanks!

  69. A person essentially lend a hand to make significantly posts I’d state.
    That is the very first time I frequented
    your web page and to this point? I amazed with the research you made
    to create this actual publish incredible. Excellent job!

  70. Hello There. I found your blog using msn. This is
    an extremely well written article. I will be sure to bookmark it
    and come back to read more of your useful information. Thanks for the
    post. I’ll certainly return.

  71. Wonderful blog! Do you have any suggestions for
    aspiring writers? I’m hoping to start my own website soon but I’m a little lost
    on everything. Would you recommend starting with a free platform like WordPress or go
    for a paid option? There are so many options out there that I’m totally confused ..
    Any suggestions? Many thanks!

  72. Superb site you have here but I was curious about
    if you knew of any community forums that cover the same topics talked about
    in this article? I’d really like to be a part of online community where I can get advice from other knowledgeable individuals that share the same interest.
    If you have any suggestions, please let me know. Thank you!

  73. Write more, thats all I have to say. Literally, it seems as though you relied on the video to
    make your point. You definitely know what youre
    talking about, why throw away your intelligence on just posting videos to your blog when you could be giving us something
    enlightening to read?

  74. I was curious if you ever considered changing the page
    layout of your website? Its very well written; I love
    what youve got to say. But maybe you could a little more in the way of content so people
    could connect with it better. Youve got an awful lot of text
    for only having one or two images. Maybe you could space it out better?

  75. Hey, I think your blog might be having browser compatibility issues.
    When I look at your blog site in Opera, it
    looks fine but when opening in Internet Explorer, it has some overlapping.
    I just wanted to give you a quick heads up! Other then that, excellent blog!

  76. Hi there, I discovered your web site by the use of Google while
    looking for a comparable subject, your website came up, it appears to be like great.
    I have bookmarked it in my google bookmarks.
    Hello there, simply changed into alert to your blog through Google, and found that it is really informative.
    I’m going to be careful for brussels. I will be grateful in the event you
    proceed this in future. A lot of other people shall be benefited from your writing.
    Cheers!

  77. Hey there I am so glad I found your weblog, I really found you by error, while I was browsing on Aol for something else, Nonetheless I am here
    now and would just like to say kudos for a marvelous post and a all round
    thrilling blog (I also love the theme/design), I don’t have time to go through it all at the moment but I have bookmarked it and also added your RSS feeds, so when I have time I will be back to read more, Please do keep up the superb jo.

  78. Hey there this is somewhat of off topic but I was wondering if blogs use WYSIWYG editors or if you have to manually
    code with HTML. I’m starting a blog soon but have no coding expertise so I wanted
    to get guidance from someone with experience. Any help would be
    enormously appreciated!

  79. I’m amazed, I must say. Rarely do I come across
    a blog that’s equally educative and interesting, and let me tell
    you, you have hit the nail on the head. The issue is something
    which not enough people are speaking intelligently about.
    I am very happy that I came across this in my hunt for something concerning
    this.

  80. Great post. I was checking constantly this blog and
    I’m impressed! Extremely helpful info specially the last part
    🙂 I care for such information a lot. I was seeking this certain information for a very long time.

    Thank you and best of luck.

  81. I loved as much as you will receive carried out right here.
    The sketch is tasteful, your authored material stylish. nonetheless, you command get
    got an impatience over that you wish be delivering the following.
    unwell unquestionably come further formerly
    again since exactly the same nearly very often inside case you shield this hike.

  82. Hey There. I discovered your weblog the use of msn. This is a
    really well written article. I’ll be sure to bookmark it
    and return to read more of your helpful information. Thanks for the post.
    I will certainly return.

  83. Thanks on your marvelous posting! I certainly enjoyed reading
    it, you can be a great author.I will make sure to bookmark
    your blog and will come back very soon. I want to encourage you
    continue your great posts, have a nice weekend!

  84. Have you ever thought about publishing an e-book or guest authoring on other blogs?

    I have a blog based on the same topics you discuss and would love to have you share some stories/information. I know my audience would value your work.

    If you are even remotely interested, feel free to send me an e-mail.

  85. Hi there, I discovered your blog via Google even as looking for a comparable topic,
    your web site came up, it appears to be like good. I have bookmarked it
    in my google bookmarks.
    Hi there, simply turned into aware of your blog through Google, and located that it’s really informative.
    I am gonna watch out for brussels. I will appreciate when you proceed this in future.

    Numerous folks will probably be benefited from your writing.
    Cheers!

  86. Attractive section of content. I just stumbled upon your site and in accession capital to assert that I get in fact enjoyed account your
    blog posts. Any way I will be subscribing to your feeds and even I
    achievement you access consistently quickly.

  87. Hmm it seems like your blog ate my first comment (it was extremely long) so
    I guess I’ll just sum it up what I had written and say, I’m thoroughly enjoying
    your blog. I too am an aspiring blog writer but I’m
    still new to everything. Do you have any points for rookie blog writers?
    I’d genuinely appreciate it.

  88. Hey just wanted to give you a quick heads up. The
    words in your content seem to be running off the screen in Opera.
    I’m not sure if this is a format issue or something to do with browser compatibility but I
    figured I’d post to let you know. The design and style look great though!

    Hope you get the problem solved soon. Kudos

  89. I do not even know the way I ended up here, however
    I believed this submit used to be great. I do not know who you
    might be however certainly you’re going to a famous blogger if you happen to are not already.
    Cheers!

  90. I loved as much as you will receive carried out right here.
    The sketch is attractive, your authored material stylish.
    nonetheless, you command get got an impatience over that you wish be delivering the
    following. unwell unquestionably come more formerly again as exactly
    the same nearly very often inside case you shield this increase.

  91. I’ve been surfing online greater than 3 hours today, yet I never found any fascinating article like yours.
    It is pretty value enough for me. In my opinion, if all website owners and bloggers
    made excellent content material as you did, the net might be much more helpful than ever before.

  92. Hiya very nice website!! Guy .. Beautiful .. Wonderful ..

    I will bookmark your website and take the feeds additionally?
    I’m glad to find so many useful info right here within the submit, we’d
    like work out extra strategies in this regard, thank you for sharing.

    . . . . .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *