kashmir
आधुनिक भारत

भारत के लिए कितना खतरनाक था धारा-३७० और ३५-A भाग-१

शेयर करें

शेयर करेंजम्मू कश्मीर कितने आश्चर्य की बात है की देश के किसी भी भाग में बसने की हमारी संवैधानिक स्वतंत्रता जम्मू-कश्मीर की सीमा के पास जाकर घुटने टेक देती थी. वर्षों से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगाकर डटे रहनेवाले भारतीय सैनिक जम्मू-कश्मीर में दो गज जमीन पाने के हकदार नही थे. वहाँ की नागरिकता पृथक मानी जाती थी. करोडो भारतियों का गौरव भारतीय सम्विधान जम्मू-कश्मीर में कुछ लाख लोंगो के बीच गौरवहीन हो जाता था क्योंकि जम्मू-कश्मीर का अपना अलग सम्विधान था. यहाँ तक की भारतियों की आँखों का तारा तिरंगा झंडा, जिसके लिए हजारों लोगों…

Read Full History

अम्बेडकर
आधुनिक भारत, नवीनतम शोध

डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर न दलित थे न अछूत, वे क्षत्रिय थे

शेयर करें

शेयर करेंबाबा साहेब आम्बेडकर मैं पिछले दिनों शोध कर रहा था कि अंग्रेजों ने जिन हिन्दू जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था क्या वे सचमुच दलित थे तथा ब्राह्मणों और क्षत्रियों द्वारा ५००० वर्षों से शोषित और पीड़ित थे! मैंने अपने शोध में पाया कि अंग्रेजों ने जिन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था अपवाद को छोड़कर बाकी सब क्षत्रिय, ब्राह्मण और वैश्य जाति से थे और वे क्षत्रियों, ब्राह्मणों के द्वारा ५००० वर्षों से शोषित, पीड़ित नहीं बल्कि उनकी दुर्गति केलिए ८०० वर्षों का अत्याचारी, हिंसक, लूटेरा मुस्लिम शासन और २०० वर्षों का लूट और…

Read Full History

दलित
आधुनिक भारत, नवीनतम शोध

दलित जातियां दरिद्र बने क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य लोग हैं, भाग-२

शेयर करें

शेयर करेंमुस्लिम-ब्रिटिश शासन में बंगाल की जनता की तस्वीर गतांक से आगे… अब देखिये वामपंथी और दलितवादी कहते हैं ब्राह्मण और क्षत्रिय दलितों का ५००० वर्षों से शोषण कर रहे थे जबकि १००० ईस्वी से १८०० ईस्वी तक ब्राह्मण और क्षत्रिय खुद मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा शोषित, पीड़ित और वंचित थे और पिछले २०० वर्षों से अंग्रेज इनका शोषण और उत्पीडन कर रहे थे. जब विदेशी सत्ताधारी ईसाई और मुसलमान पहले से ही सभी भारतवासियों का शोषण और उत्पीडन कर रहा हो तो एसे समय में भला और कोई क्या किसी का शोषण, उत्पीड़न करेंगे. मगर आगे देखिये.. ६.     सीमांत क्षेत्रों…

Read Full History

दलित
आधुनिक भारत, नवीनतम शोध

दलित जातियां दरिद्र बने क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य लोग हैं, भाग-१

शेयर करें

शेयर करेंसच्चाई जानकर आप दंग रह जायेंगे. लेखक दावा करता है कि अगर यह लेख दलित जातियों के घर घर पहुँच गयी तो दलित राजनीती और दलितवादियों कि दुकाने बंद हो जाएगी! कुछ प्रश्न मेरे दिमाग में हमेशा दो प्रश्न उठता रहता था. पहला प्रश्न था “अंग्रेजों ने जिन हिन्दू जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया था क्या वे सभी सचमुच दलित थे?” और दूसरा प्रश्न था “आखिर हिन्दुओं में इतनी दलित जातियां आई कहाँ से” जबकि हिन्दू संस्कृति तो वैदिक संस्कृति पर आधारित चतुर्वर्ण व्यवस्था थी जिसमे जन्म से सभी शुद्र और कर्म के आधार पर ही…

Read Full History

vishnu mandir
ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

बंगाल में त्रिवेणी संगम पर स्थित जफर खान गाजी का दरगाह प्राचीन विष्णुमन्दिर है

शेयर करें

शेयर करेंA true history of Triveni, Hooghly of Bengal; you must not have been taught. दक्षिण बंगाल के सप्तग्राम (हूगली जिले में) में मान नृपति नाम का एक स्थानीय क्षत्रप था. प्राचीनकाल में सप्तग्राम एक विश्वप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्षेत्र था. यह बंगाल का प्रसिद्ध बन्दरगाह था. सप्तग्राम एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी था. इसी सप्तग्राम में पवित्र तीर्थस्थल त्रिवेणी था. बंगाल के हूगली जिले में त्रिवेणी बंडेल से ४ किमी दूर, बांसबेरिया, शिवपुर में है. यहाँ गंगा के साथ यमुना की एक धारा और दक्षिण सरस्वती की एक धारा (सोलहवीं सदी तक) आकर मिलती थी इसलिए इसे दक्षिण का प्रयाग भी…

Read Full History

गौ माता
प्राचीन भारत

क्या वैदिक लोग गौ मांस खाते थे?

शेयर करें

शेयर करेंजो हिन्दू है वो गौ को माता मानते थे, मानते हैं और मानते रहेंगे विश्व का एकमात्र बदनसीब देश भारत है जहाँ पढाया जानेवाला भारत का इतिहास उन लोगों के द्वारा लिखा गया है जो मानसिक रूप में अंग्रेजों के गुलाम, अपने ही देश की सभ्यता, संस्कृति और धर्म के कट्टर विरोधी तथा आक्रमणकारियों के कट्टर पक्षपाती हैं जो भारत पर आक्रमण करने वाले आक्रमणकारीयों को तो हीरो की तरह पेश करते हैं जबकि उन धर्मान्ध, हिंसक नराधमों से अपने मातृभूमि, धर्म और जनता की रक्षा के लिए लडने वाले आक्रमित हिंदू वीरों को ही शत्रु के रूप में…

Read Full History

buddh
प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत

महात्मा बुद्ध की अहिंसा नहीं सम्राट अशोक का धम्म नीति भारतवर्ष और हिन्दुओं के पतन का कारन था

शेयर करें

शेयर करेंनमो बुद्धाय प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक फ्रंकोइस गौटीयर ने अपने आर्टिकल हिंदू पॉवर के माध्यम से यह समझाने  की कोशिस की है कि भारतवर्ष/हिंदुओं के पतन का कारन हिंदुओं में घर कर गयी कायरता, निष्क्रियता, अतिसहिष्णुता और दब्बूपन जैसी बुराईयां है और यह बुराईयां हिंदुओं में कमोवेश बौद्ध धर्म की अहिंसा की गलत नीतियों और भारतवर्ष में उसके बृहत प्रभाव के कारन जन मानस में फ़ैल जाने के कारन आई. उदहारण के रूप में वे कहते हैं की हिंदू/बौद्ध आज भी बाजिब लड़ाई झगड़े से भी दूर घरों में दुबक जाते हैं, कश्मीर से चार लाख पंडित केवल हिंदू…

Read Full History

गौरवशाली भारत-६
गौरवशाली भारत

गौरवशाली भारत-६

शेयर करें

शेयर करें126.      आप-सिन्धु का अपभ्रंश है आबसिन. इसी से अफ्रीका का अबीसीनिया देश का नाम पड़ा है. वहां के मूल निवासी भारत से आकर बसे थे. Eusebius नाम के ग्रीक इतिहासकार ने India as seen and known by Foreigners पुस्तक में लिखा है कि सिन्धु नदी के किनारे रहनेवाले लोग ईजिप्त के समीप इथिओपिया (अबीसीनिया) प्रदेश में आकर बसे. 127.      वैदिक कालगणना के अनुसार साठ पल की एक घटि और साठ घटियों का एक दिन होता है. ढाई घटियों का एक होरा बनता है. उसी होरा शब्द से Hour बना है. 128.      भारतीय पद्धति में समय के मापक इकाई १…

Read Full History

गौरवशाली भारत - ५
गौरवशाली भारत

गौरवशाली भारत-५

शेयर करें

शेयर करें101.      यूरोप में सारे ड्रुइडो का धर्मप्रमुख जिसे सामान्यजनों को पापी ठहराकर बहिष्कृत कराने या पापमुक्त घोषित करने का अधिकार था उसके पद का संस्कृत नाम था पाप-ह यानि पापहर्ता या पापहंता. रोम में उसके धर्मपीठ को Vatican संस्कृत शब्द वाटिका कहा जाता था. उसी पाप-ह शब्द से पोप शब्द बना. किन्तु फ्रेंच आदि अन्य यूरोपीय भाषाओँ में उस धर्मगुरु को अभी भी उसके मूल संस्कृत शब्द पाप या पाप-ह ही कहते है.(पी एन ओक) 102.      The Celtic Druids, Writer-Godfrey Higgins, Picadilly, 1929 ग्रन्थ की भूमिका में हिगिंस ने लिखा है, “उत्तर भारत के निवासी बौद्ध लोग, जिन्होंने पिरमिड्स,…

Read Full History

Bharat
गौरवशाली भारत

हमारा उद्देश्य

शेयर करें

शेयर करेंवंदेमातरम् भारत के सत्य इतिहास का अनुसन्धान और प्रकाशन केलिए इस वेबसाइट का निर्माण किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को भारतवर्ष के सत्य और गौरवशाली इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराना है जिसे ब्रिटिश सरकार ने साम्राज्यवादी हितों केलिए जानबुझकर विकृत किया और मार्क्सवादी इतिहासकार जानबुझकर जो सच नहीं बताते हैं. अतः हमारा उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा विकृत तथा वामपंथी इतिहासकारों के फर्जी और मनगढ़ंत इतिहास को तथ्यों और सबूतों के साथ जनता के सामने एक्सपोज कर सत्य इतिहास को सामने लाना है. हमारा उद्देश्य आधुनिक एतिहासिक, नृजातीय और वैज्ञानिक शोधों तथा नए एतिहासिक तथ्यों और  प्रमाणों के आधार…

Read Full History