बहुसंख्यक हिंदू अल्पसंख्यक मुस्लिम को दबाते हैं इसलिए दंगा होता है-महात्मा गाँधी. भारत में मुस्लिम तुष्टिकरण की शुरुआत १८५७ के विद्रोह के बाद उत्पन्न स्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक अंग्रेज के उस विचार के मद्दे नजर हुई थी जिसमे उसने कहा था कि अगर भारतीय ब्रिटिश शासन हिंदू हित पर मुस्लिमों को तरजीह देना शुरू कर दें तो सत्ता को स्थायी बनाया जा सकता है. इसके पीछे दर्शन यह था कि हिंदू कभी भी भारत में अंग्रेजी हुकूमत को स्वीकार नही करेंगे और अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करते रहेंगे साथ ही अगर मुस्लिम भी उनका साथ देते रहेंगे…
Tag: मुस्लिम
क्या नेहरु-कांग्रेस ने PoK और CoK को त्यागने की नीति अपना रखा था?
भारत का नक्शा अक्सर देश और विदेशों में गलत छप जाता है और गलती यह होती है कि भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य का ५४% हिस्सा अक्सर भारत के नक्शे से गायब हो जाता है और पाकिस्तान तथा चीन के नक्शे में शामिल हो जाता है. आखिर क्यों भारत का नक्शा अक्सर विवादों में आ जाता है? क्या नेहरु-कांग्रेस ने पाक अधिग्रहित कश्मीर (PoK) और चीन अधिग्रहित कश्मीर (CoK) को भारत का हिस्सा नहीं मानने की नीति अपना रखा था? आइये इस लेख के माध्यम से पड़ताल करते हैं. जम्मू-कश्मीर के महाराज हरिसिंह का विलेय को लेकर दुविधा भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम…
जम्मू-कश्मीर १९४७ : जरा याद करो कुर्बानी
१९४७ के भारत पाक युद्ध के दौरान जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्ववाले सरकार से सहायता नहीं मिल पाने के कारण और नेहरु के गलत नीतियों के कारण मुस्लिम आक्रमणकारियों से हिंदू-सिक्ख जनता की जान बचाने केलिए स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर मौत को गले लगाने वाले भारतीय सेना के बलिदान की अनसुनी कहानियों का संग्रह, लेफ्टिनेंट जेनरल के.के. नंदा की पुस्तक “निरंतर युद्ध के साए में” के आधार पर प्रस्तुत है, जिसे हर भारतियों को पढ़ना चाहिए ताकि भारत के इतिहास के पन्नों से गायब उन शहीदों की गाथा पढ़कर आप उनकी आत्मा की शांति केलिए भगवान से प्रार्थना कर सकें. भारत-पाकिस्तान…
बांग्लादेश को आजाद कराकर भारत को क्या मिला?
मेरी इच्छा भारत के साथ हजार बरसों तक युद्ध करने की है-जुल्फिकार अली भुट्टो, पूर्व प्रधानमंत्री पाकिस्तान. १९२८ में सिंध के लरकाना में जन्मे मुस्लिम बाप और हिंदू माँ (लखीबाई) का बेटा जुल्फिकार अली भुट्टो मुंबई में अपनी शिक्षा पूर्ण की थी परन्तु इसी बात पर अयूब खान और जिया उल हक के द्वारा राजनितिक दुष्प्रचार के कारण भुट्टो को पाकिस्तान में बार बार परेशान होना पड़ा था. शायद हिंदुओं और हिन्दुस्तान की प्रति उनकी हिंसा और नफरत में वृद्धि का कारण इतिहास के उस कड़वे सच की भांति ही था की धर्मान्तरित हिंदू, हिंदू माँ या धर्मान्तरित बाप या…
दलित-मुस्लिम का नारा देकर दलितों को मरवानेवाला जोगेन्द्रनाथ मंडल की कहानी
जोगेन्द्र नाथ मंडल का मानना था कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के बीच दलितों की स्थिति में कभी सुधार नहीं हो सकता है. अतः हिन्दुओं के विरुद्ध संघर्ष करनेवाले अल्पसंख्यक मुसलमान और दलित पाकिस्तान में भाई भाई की तरह रह सकते हैं. उनकी आवाहन पर पाकिस्तान और बांग्लादेश के लाखों करोड़ों दलित विभाजन के दौरान न सिर्फ वहीं रह गये बल्कि लाखों उनके साथ पाकिस्तान चले गये. पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने जोगेन्द्र नाथ मंडल को पाकिस्तान की संविधान सभा के पहले सत्र का अध्यक्ष बनाया और वह पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री भी बने. पर जल्द ही उनका दलित…
ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मन्दिर का सम्पूर्ण इतिहास
आज का विवादित “ज्ञानवापी” सहित सम्पूर्ण ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर अनादिकाल से विश्वेशर ज्योर्तिलिंग मन्दिर के नाम से जाना जाता था. यह मन्दिर भारतवर्ष और यूरेशिया के अन्य बड़े बड़े प्राचीन मन्दिरों जैसे मक्का (अरब), वेटिकन (रोम), रावक (खोतान) आदि की तरह ज्योतिषीय आधार पर निर्मित था. काशी में विश्वेशर मन्दिर का निर्माण सर्वप्रथम किसने करवाया था इसकी कोई जानकारी नहीं है. मन्दिर से सम्बन्धित जितनी भी जानकारी है वे इनके जीर्णोधार और पुनर्निर्माण से सम्बन्धित है. इस मन्दिर का उल्लेख महाभारत, उपनिषद, पुराण आदि में मिलता है. मन्दिर से सम्बन्धित अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. मुख्य ज्ञानवापी काशी…
गोंडवाना की रानी वीरांगना दुर्गावती
रानी दुर्गावती महोबा के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की एकमात्र संतान थीं. चंदेल लोधी राजपूत वंश की शाखा का ही एक भाग है. बांदा जिले के कालिंजर दुर्ग में ५ अक्तूबर, १५२४ ईसवी की दुर्गाष्टमी पर जन्म के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया. नाम के अनुरूप ही वह तेज, साहस, शौर्य और सुन्दरता के कारण प्रसिद्ध हो गयी. दुर्गावती को तीर तथा बंदूक चलाने का अच्छा अभ्यास था. चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी. कालिंजर का युद्ध १५४५ ईस्वी कि बात है. बाबर कि औलाद हुमायूँ को हराकर बिहार का मुस्लिम शासक शेरशाह सूरी जो दिल्ली का बादशाह…
राजा भोज के वंशज कुछ परमार क्षत्रिय दलित कैसे बन गए?
फेसबुक के एक पोस्ट पर जब मैंने एक “मिस्टर परमार” को खुद को मूल निवासी बताते हुए समस्त हिंदुओं और मुझे गाली देते देखा तो दंग रह गया. मैं स्तम्भित रह गया की भारत के गौरवशाली क्षत्रिय वंशों में से एक परमार (शासन: ८०० ईस्वी से १३०५ ईस्वी) जिसमे दिग्दिगंत विजेता वाक्पति मुंज जैसा सम्राट पैदा हुआ हो जो पश्चिमी चालुक्यों के शासक तैलप द्वितीय जैसे दक्षिण के विजेता जिसने महान चोलों को भी परास्त किया था को एक दो बार नहीं पूरे छः बार पराजित किया हो, जिसके पूर्वज राजा भोज जैसे महान उदार, प्रजावत्सल, विद्वान, कई ग्रंथों के…
अरबों द्वारा मध्य एशिया में बौद्ध राज्यों, बौद्ध धर्म और बुद्धिष्टों के सम्पूर्ण विनाश का इतिहास
पिछले दो लेखों, मध्य एशिया का वैदिक इतिहास: सावित्री-सत्यवान से बौद्ध राज्यों के उदय तक और मध्य एशिया का वैदिक इतिहास: बौद्ध राज्यों के उदय, विस्तार और तीर्थस्थलों के भ्रमण, से साबित हो गया है कि मध्य एशिया भारत और भारतियों के लिए विलायंत नहीं बल्कि भारतवर्ष का ही हिस्सा था. प्राचीन मद्र, साल्व राज्य और कम्बोज महाजनपद मध्य एशिया में ही था. सावित्री-सत्यवान और नकुल सहदेव के मामा साल्व नरेश शल्य मध्य एशिया के ही थे. उन्ही हिन्दुओं में से कुछ ने परवर्ती काल में बौद्ध धर्म अपनाकर अपने राज्यों को बौद्ध धर्मी राज्य घोषित किया था. बौद्ध धर्म…
टीपू सुल्तान या टीपू शैतान?
मैसूर के वोडेयार वंश के राजा कृष्णराजा वोडेयार-II ने अनपढ़ हैदरअली को अपने दरबार में नौकरी दिया था और फिर एक दिन हैदर अली ने उसी राजा को सत्ता से बेदखल कर पूरे वोडेयार वंश को खत्म कर न सिर्फ मैसूर की सत्ता पर अधिकार कर लिया बल्कि मैसूर के हिन्दू प्रजा पर भी भयानक अत्याचार किया और उन्हें जबरन धर्मान्तरित होने को विवश किया. उसी हैदर अली का बेटा था टीपू सुल्तान जो उसकी मौत के बाद गद्दी पर बैठा था. वह अपने बाप से भी ज्यादा क्रूर, धर्मान्ध और हिंसक था. टीपू भी अपने पूर्ववर्ती धर्मान्ध, हिंसक, जिहादी,…