शेयर करेंनमो बुद्धाय प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक फ्रंकोइस गौटीयर ने अपने आर्टिकल हिंदू पॉवर के माध्यम से यह समझाने की कोशिस की है कि भारतवर्ष/हिंदुओं के पतन का कारन हिंदुओं में घर कर गयी कायरता, निष्क्रियता, अतिसहिष्णुता और दब्बूपन जैसी बुराईयां है और यह बुराईयां हिंदुओं में कमोवेश बौद्ध धर्म की अहिंसा की गलत नीतियों और भारतवर्ष में उसके बृहत प्रभाव के कारन जन मानस में फ़ैल जाने के कारन आई. उदहारण के रूप में वे कहते हैं की हिंदू/बौद्ध आज भी बाजिब लड़ाई झगड़े से भी दूर घरों में दुबक जाते हैं, कश्मीर से चार लाख पंडित केवल हिंदू…
Category: मध्यकालीन भारत
अरब से लेकर बांग्लादेश तक इस्लाम ने कैसे बौद्ध धर्म और बुद्धिष्टों को खत्म कर दिया
शेयर करेंनमो बुद्धाय! इस्लाम के उदय के पूर्व सम्राट अशोक के बौद्ध धम्म की नीतियों के कारण बौद्ध धर्म और बौद्ध शासन भारत से लेकर अरब तक फ़ैल गया था. अर्बस्थान के पैगन केवल मूर्तिपूजक हिन्दू ही नहीं थे पर्याप्त संख्या में बौद्ध भी थे. अरब के काबा में तो इस्लामिक एन्सायक्लोपीडिया के अनुसार ३६० से अधिक हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियाँ थी और इस्लाम के प्रवर्तक पैगम्बर मोहम्मद के चाचा और परिवार उस विशालकाय मन्दिर के संरक्षक और महंथ थे. मौर्य और शुंग वंश के बाद क्या हुआ मौर्य और शुंग वंश के बाद मगध साम्राज्य के कमजोर पड़ने…
राजा दाहिर की बहादुर पुत्रियों ने कासिम और खलीफा से बदला लिया
शेयर करेंसूर्य और परिमल राजा दाहिर सेन की बहादुर पुत्रियाँ थी जिसने शैतान कासिम और हज्जाज का बहादुरी और चतुराई से अंत कर वीरगति को प्राप्त हुई सिंध के परमप्रतापी ब्राह्मणवंशी राजा चाच की मृत्यु के बाद 679 ईसवी में दाहिर सेन राजा बने. राजा चाच की तरह राजा दाहिर बहुत वीर और कुशल सेनानी थे. उन्होंने भी मुस्लिम आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए थे. बात उस समय की है जब बगदाद की गद्दी पर खलीफा का गवर्नर सबसे क्रूर नरपिशाच हज्जाज बिन यूसुफ बैठा था. एकबार खलीफा और हज्जाज अपनी कामुक लिप्सा केलिए लंका से सुंदर औरतें जहाज से…
महाप्रतापी राजा चाच और उनके पुत्र राजा दाहिर ने मुस्लिम आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए थे
शेयर करेंवीरता की प्रतिमूर्ति सिंध के राजा दाहिर सेन अरब में इस्लाम का उदय मक्का के काबा मन्दिर के पुजारी के घर मोहम्मद पैगम्बर का जन्म हुआ जिन्होंने सातवीं सदी के प्रारम्भ में इस्लाम मजहब की शुरुआत की. इस्लाम के उदय के साथ ही अर्बस्थान के यहूदियों, ईसाईयों, बौद्धिष्टों, हिन्दुओं आदि को तलवार के दम पर मुसलमान बना दिया गया. सन 634 ईस्वी से लेकर 651 के बिच पारसियों को, सन 640 से 655 ईसवी के बिच इजिप्ट के कुशाईट और ईसाई सहित लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए. नार्थ अफ्रीकन देश जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को, उतरी सूडान आदि…
भारत का इतिहास भारत विरोधी क्यों?
शेयर करेंभारत विरोधी इतिहास और इतिहासकार ईसाई, इस्लामी और वामपंथी तीनों इतिहास के दुश्मन होते हैं. ये तीनों अपने अतीत के इतिहास को निकम्मा और गैरजरूरी बताकर नष्ट कर देते हैं. अगर भारत में घर घर में रामायण, महाभारत, वेद, पुराण आदि नहीं होते तो ये तीनों मिलकर भारत के गौरवशाली अतीत को भी नष्ट करने में सफल हो गये होते-स्वर्गीय पुरुषोत्तम नागेश ओक, महान राष्ट्रवादी इतिहासकार विचार कीजिए… आपने किसी देश का ऐसा इतिहास पढ़ा है जो अपने ही देश और उसके मूलनिवासियों के अतीत को कलंकित करती हो? कभी आपने सोचा है विश्व की सबसे प्राचीन और गौरवशाली…