शेयर करेंगोपाल पाठा खटिक उर्फ़ गोपालचन्द्र मुखोपाध्याय पाकिस्तान की मांग मनवाने केलिए मुस्लिम लीग ने भारत के गैरमुस्लिमों के विरुद्ध पूरे भारत में ‘सीधी कार्रवाई’ की घोषणा कर दी थी. मुस्लिम लीग के हिन्दुओं के विरुद्ध सीधी कार्यवाही (Direct Action) से सबसे अधिक प्रभावित कोलकाता, नोआखाली और रावलपिंडी हुआ था. कोलकाता में इस घटना को कोलकाता हत्या और बलात्कार कांड के नाम से जाना जाता है. जिन्ना ने कहा था कोलकाता के बिना पूर्वी पाकिस्तान अधूरा होगा. इसलिए सीधी कार्यवाही में हिन्दू बहुल कोलकाता मुस्लिम लीग के एजेंडे में सबसे उपर था. बंगाल में मुस्लिम लीग का ही सरकार था.…
Category: ऐतिहासिक कहानियाँ
तैमूर का काल रघुवंशी क्षत्राणी वीरांगना रामप्यारी गुर्जर
शेयर करेंवीरांगना रामप्यारी गुर्जर तैमूर का नाम लेते ही एक महाक्रूर और भयानक शैतान का चेहरा हमारे सामने आ जाता है जो लाख-लाख हिन्दुओं, बौद्धों, जैनों के सिरों का पहाड़ बनाकर उसके चारों ओर नाचकर खूनी जश्न मनाता था. कहा जाता है कि तैमूर लंगड़ा ने इतनी हत्याएं की थी कि दुनिया की आबादी में 3 फीसदी की कमी आ गई थी. वर्ष 1398 में भारत पर आक्रमण करने वाला तैमूर इतनी बर्बरता फैलायी थी कि उसके वर्णन मात्र से रूह कांप जाती है. लेकिन भारतवर्ष की एक वीरागंना ऐसी थी जिसने युद्ध में न सिर्फ तैमूर लंगड़े को उसी…
भारत की शान परमशक्तिशाली रघुवंशी राजा बाप्पा रावल
शेयर करेंबाप्पा रावल एक बालक की गाय रोज दूध दुहने के समय कहीं चली जाती थी. उस बालक को अक्सर भूखा रहना पड़ता था, इसलिए एक दिन वो गाय के पीछे पीछे गया और देखा गाय एक ऋषि के आश्रम में जाकर एक शिवलिंग पर अपने दूध से अभिषेक करने लगी. बालक अचम्भित देख ही रहा था कि तभी उसने देखा उसके पीछे एक ऋषि खड़े मुस्कुरा रहे हैं. उस ऋषि का नाम था “हारीत ऋषि” और वह बालक बाप्पा रावल के नाम से विख्यात हुआ. हारीत ऋषि ने ही उस बालक को शिक्षा दीक्षा दी और उनके सहयोग से…
दुश्मनों का काल रघुवंशी राजा मिहिर भोज प्रतिहार
शेयर करेंसम्राट महिर भोज प्रतिहार वीरों और योद्धाओं की जाति गुर्जर प्रतिहार रघुवंश शिरोमणि श्रीराम के अनुज लक्ष्मण के वंशज हैं. इस वंश में एक से एक महाभट योद्धा और पराक्रमी शासक हुए जिसकी जितनी चर्चा और प्रशंसा की जाये कम है. इसी गौरवशाली वंश में सम्राट मिहिर भोज का जन्म हुआ था. उन्होंने ८३६ ईस्वी से ८८५ ईस्वी तक कभी कन्नौज तो कभी उज्जैन से शासन किया. भले ही वामपंथी इतिहासकारों ने मिहिर भोज के इतिहास को काट देने की साजिश की है, मिहिर भोज क्या उन सभी महान भारतीय सम्राटों और योद्धाओं को भारतीय इतिहास से गायब कर…
भारतवर्ष के नव निर्माता महापराक्रमी पुष्यमित्र शुंग
शेयर करेंमहापराक्रमी पुष्यमित्र शुंग जबतक सम्राट अशोक अपने गुरु चाणक्य की नीतियों पर चलता हुआ खड्गहस्त रहा, मौर्य साम्राज्य फलता फूलता रहा और फैलकर पश्चिम में ईरान तो पूर्व में म्यानमार की सीमा को छूने लगा. यह उत्तर में अफगानिस्तान, कश्मीर को सम्मिलित करते हुए दक्षिण में तमिलनाडू और केरल की सीमा तक पहुँच गया था, परन्तु, शस्त्र त्यागकर भेड़ी घोष (युद्ध विजय) के स्थान पर धम्म घोष की नीति अपनाते ही चाणक्य और चन्द्रगुप्त मौर्य के खून पसीने से निर्मित विशाल मौर्य साम्राज्य देखते ही देखते भड़भडाकर गिरने लगा. कहा जाता है उसने अपने सैनिकों को भी निशस्त्र कर…
बिहार, बंगाल का विनाशक बख्तियार खिलजी को असम के वीरों ने दौड़ा दौड़ा कर मारा
शेयर करेंबख्तियार खिलजी मोहम्मद बख्तियार खिलजी गर्मसिर प्रान्त के गोर स्थान का जन्मजात लूटेरा था. अपनी लूटेरी प्रवृति के कारन वह लूटेरों के सरदार मोहम्मद गोरी के दल में शामिल हो गया और लूटपाट में अधिक से अधिक हिस्सेदारी पाने और बड़े ओहदे केलिए मोहम्मद गोरी के काम पिपासा शांत करने हेतु औरतों की दलाली करने लगा. वह हिन्दुओं, बौद्धों, जैनों को लूटने, कत्ल करने के साथ साथ उनकी स्त्रियों, बहनों और बेटियों को सेक्स गुलाम बनाकर बेचने का धंधा भी करने लगा. शैतान बख्तियार खिलजी की पैशाचिक प्रतिभा को देखते हुए मुहम्मद गोरी के अवध का सिपहसालार मलिक हिसामुद्दीन…
बंगाल में त्रिवेणी संगम पर स्थित जफर खान गाजी का दरगाह प्राचीन विष्णुमन्दिर है
शेयर करेंA true history of Triveni, Hooghly of Bengal; you must not have been taught. दक्षिण बंगाल के सप्तग्राम (हूगली जिले में) में मान नृपति नाम का एक स्थानीय क्षत्रप था. प्राचीनकाल में सप्तग्राम एक विश्वप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्षेत्र था. यह बंगाल का प्रसिद्ध बन्दरगाह था. सप्तग्राम एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी था. इसी सप्तग्राम में पवित्र तीर्थस्थल त्रिवेणी था. बंगाल के हूगली जिले में त्रिवेणी बंडेल से ४ किमी दूर, बांसबेरिया, शिवपुर में है. यहाँ गंगा के साथ यमुना की एक धारा और दक्षिण सरस्वती की एक धारा (सोलहवीं सदी तक) आकर मिलती थी इसलिए इसे दक्षिण का प्रयाग भी…
जब कांग्रेस के संस्थापक जान बचाने के लिए मुंह में कालिख लगाकर, साड़ी पहनकर भाग खड़े हुए..
शेयर करेंइंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना सन १९८५ में अंग्रेजों ने की थी ताकि भारतीय लोगों को १८५७ की तरह क्रन्तिकारी और हिंसक विद्रोह करने से रोका जा सके. वैसे कांग्रेस के संस्थापक ए.ओ.ह्यूम को माना जाता है. कांग्रेस के संस्थापक ए.ओ.ह्यूम को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 17 जून 1857 को उत्तर प्रदेश के इटावा मे जंगे आजादी के सिपाहियों से जान बचाने के लिये मुंह में कालिख लगा, साड़ी पहन और बुर्का डालकर ग्रामीण महिला का वेष धारण कर भागना पड़ा था. उस समय वे इटावा के मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर थे. स्वातन्त्र्य वीर सावरकर ने अपनी जीवनी में…
राजा दाहिर की बहादुर पुत्रियों ने कासिम और खलीफा से बदला लिया
शेयर करेंसूर्य और परिमल राजा दाहिर सेन की बहादुर पुत्रियाँ थी जिसने शैतान कासिम और हज्जाज का बहादुरी और चतुराई से अंत कर वीरगति को प्राप्त हुई सिंध के परमप्रतापी ब्राह्मणवंशी राजा चाच की मृत्यु के बाद 679 ईसवी में दाहिर सेन राजा बने. राजा चाच की तरह राजा दाहिर बहुत वीर और कुशल सेनानी थे. उन्होंने भी मुस्लिम आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए थे. बात उस समय की है जब बगदाद की गद्दी पर खलीफा का गवर्नर सबसे क्रूर नरपिशाच हज्जाज बिन यूसुफ बैठा था. एकबार खलीफा और हज्जाज अपनी कामुक लिप्सा केलिए लंका से सुंदर औरतें जहाज से…