इतिहास भविष्य का दर्पण होता है क्योंकि इतिहास की हमारी समझ ही किसी राष्ट्र और समाज का भविष्य निर्धारण करता है. इतिहास हमारे अच्छे-बुरे, सही-गलत, सफल-असफल कार्यों और उसके परिणामों का लेखा जोखा होता है. इनका समुचित विश्लेषण कर ही राष्ट्रनीति, कूटनीति, युद्धनीति, सामाजिक और प्रशासनिक नीतियाँ बनती है. उपर्युक्त नीतियों की सफलता असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उस राज्य या राष्ट्र के इतिहास का किस हद तक समुचित विश्लेषण किया गया है. इसलिए यह जरूरी है कि हमलोग भारतवर्ष के इतिहास काल में घटित उन गलतियों का सही सही विश्लेषण करें जिसके कारण एक समय अरब…
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अफगानिस्तान के अंतिम हिन्दू राजवंश के संघर्ष कि गौरवगाथा
अफगानिस्तान भारतवर्ष का वह हिस्सा है जहाँ ५०००० वर्ष पहले के मानवीय बसावट (वैदिक आर्य संस्कृति) का एतिहासिक सबूत मिला है (विकिपीडिया). अर्बस्थान (अरब) में जब इस्लाम का उदय हुआ तो देखते ही देखते तुरगस्थान (तुर्की) के हिन्दू, बौद्ध, इराक के राजा बरमक बौद्ध, ईरान के पहलव क्षत्रिय, समरकंद के बौद्ध राजा आदि के इस्लामीकरण के बाद बारी भारतवर्ष के अफगानिस्तान वाले हिस्से की थी. इतिहासकार पी एन ओक लिखते हैं, “यूरेशिया के महान वैदिक आर्य संस्कृति के लोग “अहिंसा परमोधर्म:” की मूर्खतापूर्ण माला जपते हुए “हिंसा लूट परमोधर्म:” की संस्कृति में समाते जा रहे थे.” अरब के आक्रमणकारियों ने…
मुगलों का काल वीर बन्दा वैरागी
अमर बलिदानी वीर बन्दा वैरागी २७ अक्तूबर, १६७० को जम्मू कश्मीर के पूंछ में श्री रामदेव के घर एक सामान्य हिन्दू परिवार में लक्ष्मण देव उर्फ़ बन्दा वैरागी का जन्म हुआ था. वे बचपन से मल्ल युद्ध और कुश्ती में दक्ष थे. युवावस्था में शिकार खेलना उनका सबसे प्रिय खेल था. एक दिन शिकार खेलते समय अनजाने उन्होंने एक गर्भवती हिरणी पर तीर चला दिया. इससे उसके पेट से एक शिशु निकला और तड़पकर वहीं मर गया. यह देखकर उनका मन खिन्न हो गया और वे घर छोड़कर तीर्थयात्रा पर निकल गये. उन्होंने अनेक साधुओं से योग साधना सीखी और…
राममन्दिर पुनर्निर्माण केलिए ४९२ वर्ष लम्बे संघर्ष की गौरवगाथा
६ दिसम्बर, १९९३ को भारत का कलंक बाबरी विध्वंस हुआ भारत में उपलब्ध स्थानीय अभिलेख, क्षेत्रीय इतिहास, अनुश्रुति और भारतीय ग्रन्थों में उपलब्ध जानकारी के अनुसार अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराम का भव्य मन्दिर बनाने का पहला श्रेय मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के बड़े पुत्र कुश को जाता है. अर्केओलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा श्रीरामजन्मभूमि की खुदाई में मन्दिर के तिन परतों का पता चला जिसमे द्वितीय परत प्रथम ईसापूर्व के महान चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बना माना जाता है. और उसके लगभग एक हजार वर्ष बाद ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी में अयोध्या के गहड़वाल वंश के शासक गोविन्दचन्द्र द्वारा निर्मित या जीर्णोद्धार किया…
ASI के रिपोर्ट में कुतुबमीनार गुप्तकाल से भी प्राचीन हिन्दू स्तम्भ है
कुतुबमीनार हिन्दू स्तम्भ है क्या आपको पता है भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की किताब में दिल्ली के कुतुबमीनार को हिन्दू स्तम्भ और कुतुबमीनार सहित पूरे परिसर को गुप्तकाल से भी अधिक प्राचीन हिन्दू मन्दिर परिसर केवल बताया ही नहीं गया है बल्कि साबित भी किया गया है? शायद नहीं. आइये, हम सिर्फ बतायेंगे ही नहीं दिखायेंगे भी की पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की किताब में क्या लिखा हुआ है. इस किताब का नाम है Archaeological Survey of India; Report for the Year 1871-72 Delhi, Agra, Volume 4, by J. D. Beglar and A. C. L. Carlleyle. १. पुरातत्व सर्वेक्षण…
बंगाल का अंतिम वीर योद्धा-The Savior of Calcutta
गोपाल पाठा खटिक उर्फ़ गोपालचन्द्र मुखोपाध्याय पाकिस्तान की मांग मनवाने केलिए मुस्लिम लीग ने भारत के गैरमुस्लिमों के विरुद्ध पूरे भारत में ‘सीधी कार्रवाई’ की घोषणा कर दी थी. मुस्लिम लीग के हिन्दुओं के विरुद्ध सीधी कार्यवाही (Direct Action) से सबसे अधिक प्रभावित कोलकाता, नोआखाली और रावलपिंडी हुआ था. कोलकाता में इस घटना को कोलकाता हत्या और बलात्कार कांड के नाम से जाना जाता है. जिन्ना ने कहा था कोलकाता के बिना पूर्वी पाकिस्तान अधूरा होगा. इसलिए सीधी कार्यवाही में हिन्दू बहुल कोलकाता मुस्लिम लीग के एजेंडे में सबसे उपर था. बंगाल में मुस्लिम लीग का ही सरकार था. उसने…
तैमूर का काल रघुवंशी क्षत्राणी वीरांगना रामप्यारी गुर्जर
वीरांगना रामप्यारी गुर्जर तैमूर का नाम लेते ही एक महाक्रूर और भयानक शैतान का चेहरा हमारे सामने आ जाता है जो लाख-लाख हिन्दुओं, बौद्धों, जैनों के सिरों का पहाड़ बनाकर उसके चारों ओर नाचकर खूनी जश्न मनाता था. कहा जाता है कि तैमूर लंगड़ा ने इतनी हत्याएं की थी कि दुनिया की आबादी में 3 फीसदी की कमी आ गई थी. वर्ष 1398 में भारत पर आक्रमण करने वाला तैमूर इतनी बर्बरता फैलायी थी कि उसके वर्णन मात्र से रूह कांप जाती है. लेकिन भारतवर्ष की एक वीरागंना ऐसी थी जिसने युद्ध में न सिर्फ तैमूर लंगड़े को उसी की…
अशोक और अकबर महान, चन्द्रगुप्त मौर्य और विक्रमादित्य क्यों नहीं?
महान कौन? भारतवर्ष के ऐतिहासिक काल (जिसका लिखित और पुरातात्विक साक्ष्य दोनों उपलब्ध हो) में ही दर्जनों ऐसे पराक्रमी, महापराक्रमी और महान राजा, सम्राट भरे हुए हैं जो अशोक मौर्य से लाख गुना बेहतर थे और बेहतर हुए. पूरे भारतवर्ष को फिर से एकसूत्र में बांधनेवाला अपने दादा चन्द्रगुप्त मौर्य के सामने ही अशोक मौर्य कहीं नहीं ठहरता है, सम्राट विक्रमादित्य की तो वह परछाई भी नहीं छू सका. इन दोनों की महानता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग आधे दर्जन परवर्ती राजाओं ने चन्द्रगुप्त की उपाधि धारण की थी और दर्जनों राजाओं ने विक्रमादित्य…
नेहरु हिंदू थे या मुस्लिम: एक खोज, भाग-२
मैमूना बेगम उर्फ़ इंदिरा गाँधी और फिरोज खान उर्फ़ फिरोज गाँधी गतांक से आगे… ६. जिन्ना और मुस्लिम लीग ने १९४६ में जब हिंदुओं के विरुद्ध प्रत्यक्ष कार्यवाही की घोषण की और हिंदुओं की हत्या, लूट और हिंदू स्त्रियों के बलात्कार होने लगे उस समय नेहरु भारत के अंतरिम प्रधानमंत्री थे, पर उन्होंने इसे रोकने का कोई प्रयत्न नही किया. परन्तु बिहार में जैसे ही कोलकाता में मारे गए लोगों के परिजनों ने इसके विरोध में प्रतिक्रिया व्यक्त की इन्होने तत्काल सेना भेजकर उन्हें गोलियों से भुनवा दिया और उन्हें मरवाने के बाद उसने कहा अब दिल को तसल्ली मिली…
नेहरु हिंदू थे या मुस्लिम: एक खोज, भाग-१
उपर बाएं गंगाधर नेहरु, फोटो साभार आनंद भवन (नये तथ्यों के आधार पर संशोधित) लोग अक्सर प्रश्न पूछते हैं कि ईसाई माँ और मुसलमान (या पारसी) बाप का बेटा राहुल गाँधी जैसे खुद को दत्तात्रेय गोत्र का जनेऊधारी ब्राह्मण बताता है, कहीं पंडित जवाहरलाल नेहरु भी, वैसे ही फर्जी पंडित तो नहीं थे? जवाहरलाल नेहरु के हिन्दू विरोधी, हिन्दू धर्म विरोधी और भारत विरोधी कुकृत्यों की लम्बी श्रृंखला देखकर मेरे दिमाग में भी अक्सर यही प्रश्न उठता था. इसलिए मैंने सत्य का पता लगाने का निश्चय किया. ज्ञातव्य है कि अपने मुस्लिमपरस्त मानसकिता और कार्यों की वजह से पंडित नेहरु…