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आधुनिक भारत, नवीनतम शोध

कांग्रेस की स्थापना भारत में ब्रिटिश राज को स्थायी बनाने केलिए हुआ था

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शेयर करेंइंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना सन १९८५ में अंग्रेजों ने की थी ताकि भारतीय लोगों को १८५७ की तरह क्रन्तिकारी और हिंसक विद्रोह करने से रोका जा सके. कांग्रेस के संस्थापक ए.ओ.ह्यूम को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 17 जून 1857 को उत्तर प्रदेश के इटावा मे जंगे आजादी के सिपाहियों से जान बचाने के लिये मुंह में कालिख लगा, साड़ी पहन और बुर्का डालकर ग्रामीण महिला का वेष धारण कर भागना पड़ा था. उस समय वे इटावा के मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर थे. तब से वे ऐसी क्रांति की पुनरावृत्ति होने के डर से अत्यधिक भयभीत रहते थे. (सावरकर…

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ताजमहल-tajmahal
नवीनतम शोध, मध्यकालीन भारत

क्या ताजमहल सचमुच प्रेम का प्रतीक है और इसे शाहजहाँ ने बनबाया है?

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शेयर करें1Shareअपने १४वे बच्चे को जन्म देते समय शाहजहाँ की दूसरी बीबी अर्जुमंद बानो बेगम उर्फ मुमताज जब अपनी अंतिम सांसे ले रही थी तब शाहजहाँ बुरहानपुर की एक १५ वर्षीय नामी नर्तकी के प्रेमजाल में फंसकर रासरंग में डूबा हुआ था और नहीं आया. जब आसिफ खान ने उस नर्तकी को मरवा दिया तब ही शाहजहाँ वहां से हिला और आने से पहले उसका कब्र बनबाकर आया जो अब भी विद्यमान है. शाहजहाँ की हजारों रखैलों मे दो अकबराबादी बेगम और कंधारी बेगम को शाही बेगम का दर्जा प्राप्त था.  बुरहानपुर में १६३१ में १४ वें बच्चे को जन्म…

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hoon-हूण
नवीनतम शोध, प्राचीन भारत

मध्य एशिया से भारत आनेवाले श्वेत हूण हिन्दू थे

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शेयर करेंपिछले विभिन्न लेखों में साबित कर दिया गया है कि मध्य एशिया के शक/सीथियन, कुषाण/ऋषिक/यूची, तुषार/तोख़ार/यूची, कम्बोज/कुषाण, तुर्क, उइगर आदि बौद्ध बनने और परवर्ती काल में जबरन मुसलमान बनाये जाने से पहले स्थानीय परिवर्तनों के साथ वैदिक धर्म, संस्कृति को ही मानने वाले थे. बाद में ईरानी ह्खामनी सम्राटों के विजय और सत्ता के दौरान कुछ लोग जोराष्ट्र धर्म (पारसी) को मानने लगे. सिकन्दर के विजय और शासन में कुछ ग्रीक धर्म संस्कृति का प्रभाव पड़ा. अशोक का साम्राज्य जब मध्य एशिया तक विस्तृत हो गया तब बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार मध्य एशिया में भी हुआ और बहुत…

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shershah-शेरशाह
मध्यकालीन भारत

बिहार का धर्मांध मुस्लिम डकैत शेरशाह सूरी

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शेयर करेंदो मुस्लिम इतिहासकार वाकयात ए मुश्वकी (पृष्ठ १०३) तथा तारीख ए दाऊदी (पृष्ठ २५३) लिखते हैं कि एक बार सारंगपुर तथा उज्जैन के बीच यात्रा में शेरशाह ने अपने साथ चलते हुए मल्लू खान को अपने जीवन की प्रारम्भिक घटनाएँ सुनाई थी. उसने बताया कि एक बार वह चोरों तथा लुटेरों के चक्कर में पड़कर उन्हीं के साथ हो लिया और चारों ओर गावों को लूटता रहा. डाकुओं के साथ इस प्रारम्भिक प्रशिक्षण ने उन सात वर्षों तक (१५३८-४५) शेरशाह को मनमानी लूट तथा बलात्कार के योग्य बना दिया. शेरशाह का वास्तविक नाम फरीद खां था. उसका अफगानी पिता…

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ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

महापराक्रमी पृथ्वीराज चौहान की अक्षम्य गलतियाँ

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शेयर करेंपृथ्वीराज चौहान राजा सोमेश्वर और कलचुरी की राजकुमारी रानी कर्पुरदेवी के पुत्र थे. पृथ्वीराज विजय के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ माह के बारहवीं तिथि को हुआ था. वे बहुत सी भाषाओँ के जानकार थे. धनुर्विद्या में महारत हासिल कर रखा था. शब्दभेदी बाण के वे सिद्धहस्त थे. उन्होंने बचपन में शेर का जबड़ा अपने हाथों से फाड़ दिया था. जब उनके पिता राजा सोमेश्वर का देहांत विक्रमी संवत १२३४ में हुआ था उस समय पृथवीराज मात्र ग्यारह वर्ष के थे. अपनी माँ के संरक्षण में उन्होंने राजगद्दी सम्भाली. हालाँकि हम्मीर महाकाव्य दावा करता है कि राजा सोमेश्वर ने खुद…

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मध्यकालीन भारत

मध्य एशिया का लूटेरा मुगल शैतान बाबर का इतिहास

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शेयर करेंइतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक लिखते हैं, “बाबर का पितृ पक्ष तैमूरलंग तथा मातृ पक्ष चंगेज खां से सम्बन्धित था जो संसार के दो क्रूरतम एवं सबसे अधिक लूट-खसोट करनेवाले थे, जिन्होंने अपने अन्यायों एवं अत्याचारों से सम्पूर्ण विश्व को थर्रा दिया था तथा सम्पूर्ण मानवता को पैरों तले कुचलकर रख दिया था. जिनके सामने उदारता और सहृदयता नाम की कोई चीज नहीं थी. विध्वंस जिनके जीवन का प्रमुख ध्येय था….बाबर को भी लोग नरभक्षी समझकर दहशत खाते थे तथा जहाँ कहीं भी वह जाया करता था लोग उसके डर से भाग जाया करते थे.” न्यायाधीश श्री जे. एम् शेलट…

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मध्यकालीन भारत

दिल्ली का अफगानी शैतान सिकंदर लोदी

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शेयर करेंवर्णसंकर शैतान सिकंदर लोदी दिल्ली का सुल्तान शैतान बहलोल लोदी का तीसरा पुत्र था. सरहिंद के हिन्दू सुनार की अपहृत कन्या जिबा के साथ बलात्कार से इसका जन्म हुआ था. इसने हिन्दू हत्याकांड में अपने पूर्वजों से दूना उत्साह दिखाया था. इसका हत्या उन्माद इतना भयंकर था कि इसके दल के इसके धर्म भाई नियामतुल्ला ने अपनी ‘तारीखे जहाँ लोदी’ में इसके हत्याकांड को बार बार एक कसाई का काम लिखा है-पुरुषोत्तम नागेश ओक अपनी पुस्तक “क्रिसेंट इन इंडिया” पृष्ठ १५४ पर श्री आर एस शर्मा लिखते हैं कि’ “फिरोजशाह तुगलक और औरंगजेब की भांति, कट्टरता सुल्तान सिकंदर लोदी…

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ऐतिहासिक कहानियाँ, मध्यकालीन भारत

विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों का काल जशरथ खोक्खर

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शेयर करेंगक्खर (या खोक्खर) राजपूत भारत के इतिहास में अपनी वीरता और शूरता के लिए जाने जाते हैं. खासकर विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों के विरुद्ध लडाई में इन्होने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. इन्होने आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी को खत्म किया, कुतुबुद्दीन, इल्तुतमिश, बलबन और मोहम्मद बिन तुगलक जैसे नरपिशाचों को धूल चटाया. परन्तु लड़ते लड़ते ये धीरे धीरे कम और कमजोर होते गए और एक दिन ऐसा भी आया की विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों से अपनी प्रजा की जान माल और अस्मत की सुरक्षा केलिए इस्लाम का ढोल भी गले में बांधना पड़ गए. इन्ही लोगों में से एक थे शेख खोक्खर…

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गौरवशाली भारत

गौरवशाली भारत 12

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शेयर करें276.      इतिहासकार पी एन ओक के दिए आंकड़े के अनुसार यहूदी लोगों का ईसवी सन २०१९-२० में ५७८० वा वर्ष चल रहा है. उनके संवत को Passover वर्ष कहते हैं. Passover का अर्थ है देश छोड़कर निकल जाना. अर्थात उन्हें द्वारिका राज्य छोड़े और कृष्ण से बिछड़े हुए ५७८० वर्ष हो गये. वे जब द्वारिका से बिछड़े तब से उन्होंने निजी सम्वत गणना आरम्भ की. अतः महाभारतीय युद्ध हुए लगभग ५७८१ वर्ष होना चाहिए. 277.      महान ज्योतिषाचार्य और गणितज्ञ पंडित आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत युद्ध ३१३६ ईसवी पूर्व (एहोल अभिलेख के अनुसार ३१३७ ईसवी पूर्व) में हुआ था और…

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gauravshali-bharat
गौरवशाली भारत

गौरवशाली भारत-11

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शेयर करें251.      होलैंड देश के लोग जो डच (Dutch) कहलाते हैं वे भी वैदिक दैत्य वंश के ही हैं. जैसे प्राचीन नगर ब्रिह्दादित्य का नाम अब बहराईच है यानि आदित्य अब इच शब्द बन गया है-पी एन ओक इसी तरह जर्मन Duetsch, Diot, Diota आदि दैत्य शब्द के ही अपभ्रंश हैं. 252.      जर्मन मैक्स मुलर ने ऋग्वेद का अनुवाद अंग्रेजी में किया है जिसमे उसने अपना परिचय लिखा है-“मया शर्मन देश जातेन गोतीर्थ निवासिना मोक्षमूलर नाम्ना” जर्मन को उन्होंने शर्मन लिखा है. सम्भवतः जर्मन शब्द संस्कृत शर्मन से ही बना हो. दूसरा शब्द गोतीर्थ है जो उन्होंने Oxford का अनुवाद…

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